Spread the love

कहते हैं प्यार दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास होता है। 14 फरवरी वेलेंटाइन डे यानी प्यार का दिन। इस दिन को ‘वेलेंटाइन डे’ कहा जाता है। आज हम आपको ऐतिहासिक शहर नाहन में पहाड़ों के बीच दफन एक अंग्रेज मैडम की प्रेम कहानी से रू-ब-रू करवाएंगे। जिसे पढ़कर आप भी ये कहने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि प्यार हो तो ऐसा। जी हां, जहां एक अंग्रेज मैडम ने अपने पति की कब्र के साथ दफन होने के लिए 38 साल का लंबा इंतजार किया। ये कहानी इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है।

आज हम आपको पहाड़ों में दफन एक अंग्रेज मैडम की ऐसी प्रेम कहानी से रूबरू करवाएंगे कि आप भी ये कहने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि प्यार हो तो ऐसा। जी हां, एक अंग्रेज मैडम ने अपने पति की कब्र के साथ दफन होने के लिए 38 साल का लंबा इंतजार किया। ये कहानी हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक नाहन शहर के इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है। ये एक ऐसी अद्भूत व अमर प्रेम कहानी भी है, जो आज भी अपने आप में एक मिसाल है।

पति की बगल में दफन होने के लिए 38 साल किया मौत का इंतजार

रियासतकाल में एक अंग्रेज अफसर की पत्नी ने अपने पति के बगल में दफन होने के लिए 38 साल मौत का लंबा इंतजार किया। यहां जिक्र लेडी लूसिया पियरसाल का हो रहा है। रियासतकाल में लूसिया अपने पति डॉ. इडविन पियरसाल के साथ यहां पहुंची थीं।

50 साल की आयु में हुआ पति था का इंतकाल
लूसिया के पति डॉ. इडविन पियरसाल महाराजा के मेडीकल सुपरिटेंडेंट थे। डॉ. पियरसाल ने महाराजा के यहां करीब 11 साल अपनी सेवाएं दीं और 19 नवंबर 1883 में डॉ. इडविन का 50 साल की आयु में इंतकाल हो गया।

महाराजा ने डॉ. पियरसाल को मिलिटरी ऑनर के साथ ऐतिहासिक विला राऊंड के उत्तरी हिस्से में दफन किया। यह जगह पियरसाल ने खुद चुनी थी और कहा था उन्हें यहां दफनाया जाए। उस वक्त लूसिया 49 साल की थीं। डॉ. पियरसाल की भांति लूसिया भी एक रहम दिल और रियासत में लोकप्रिय महिला थीं। कहते हैं कि पति की मौत के बाद लूसिया वापस इंगलैंड नहीं गईं। अपने अन्य परिवार के सदस्यों को भी छोड़ दिया।

19 अक्तूबर 1921 को खत्म हुआ इंतजार
1885 में लूसिया ने भारी-भरकम रकम खर्च करके अपने पति की कब्र को पक्का किया। चूंकि वह अपने पति डॉ. पियरसाल से बेपनाह मोहब्बत करती थीं। ऐसे में लूसिया ने पति की बगल में दफन होने के लिए 38 साल मौत का इंतजार किया। 19 अक्तूबर 1921 को वह घड़ी आई, जब लूसिया का इंतजार खत्म हुआ और अपने पति को याद करते हुए उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लूसिया की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए महाराजा ने सम्मान सहित लूसिया को भी उसके पति डॉ. पियरसाल की कब्र की बगल में दफनाया।

आज भी विला राउंड में है दोनों की कब्र
आज भी विला राऊंड स्थित कैथोलिक कब्रगाह में इस पियरसाल दंपति के अमर प्रेम की कहानी बयां करती वास्तुकला से परिपूर्ण कब्रें आने-जाने वालों को आकर्षित करती है। पूरे कैथोलिक कब्रगाह में इस अंग्रेज दंपत्ति की दोनों कब्रें काफी उंची व अलग ही दिखाई देती है।

क्या कहते हैं शाही परिवार के सदस्य
ईनाडु से बातचीत करते हुए शाही परिवार के सदस्य कंवर अजय बहादुर सिंह ने भी इस एक अद्भूत प्रेम कहानी बताते हुए पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निसंदेह यह एक अद्भूत प्रेम कहानी थी। इस दंपत्ति की कब्र आज भी इस प्रेम कहानी को बयां करती है

क्या आप हिमाचली है और अपने या किसी रिश्तेदार के लिए अच्छा रिश्ता ढूंड रहे है ?आज ही गूगल प्ले स्टोर से हिमाचली रिश्ता की एप डाउनलोड करे और चुने हजारो हिमाचली प्रोफाइल में उचित जीवनसाथी हिमाचली रिश्ता डॉट कॉम पर 

Himachal Matrimonial Service Himachali rishta

Facebook Comments

Leave a Reply