बबीता कौंडल ,नगरोटा बगवां :खट्टा हिमाचल और उतराखंड दोनों पहाड़ी राज्यों में बनाया जाने वाला एक चाट है , इसे संतरा प्रजाति के फलों जैसे की दुडून्ज ,किम्ब ,स्युइसार आदि से बनाया जाता है , विटामिन सी की अधिकता होने के कारण खट्टा स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक होता है , इस पहाड़ी स्नैक्स को कई सदियों से हिमाचल के लोग बड़े चाव के साथ खाते आ रहे है ,लाजवाब स्वाद और रोगप्रतिरोधक क्षमता के कारण आज भी यह अपनी लोकप्रियता के चरम पर है
आम तोर पर सर्दियों में हिमाचल की महिलाये इसे सर्दी की गुनगुनी धुप में फुर्सत के क्षणों में धुप सेकते हुए बनाती और खाती है, ज्यादातर इसे हिमाचल के दो चार घरो की महिलाये इकट्ठा होकर गप्पे मारते हुए बनाती और परोसती है , सामाजिक तालमेल और स्वाद का यह अनूठा संगम सदियों से चला आ रहा है
यु तो इसे बनाने की कई सारी विधियाँ है लेकिन हम जो आपको आज बताने जा रहे है वो पारम्परिक डूडून्ज का खट्टा है इसकी हम आपको काँगड़ा की विधि बताने जा रहे है
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सामग्री:
खट्टा बनाने के लिए आपको यह सामग्री चाहिए होगी:
2 पके हुए पीले रंग के दुडून्ज
पचास ग्राम ताजा हरा धनिया
2 तीखी हरी मिर्च
1 चमच नमक
100 ग्राम गुड
लहसुन के 2 पते
सबसे पहले सिल बट्टे पर हरा धनिये ,लहसुन की पति को वारिक पिस ले
अब इसमें गुड के छोटे छोटे टुकड़े कर के पिस ले अब नमक ,पिसे हुए धनिये और पिसे गुड को एक थाली में दाल कर सही तरीके से मिला लें
अब खट्टे की छिलके एक चाकू से हटा दे ,ध्यान रहे डूडून्ज का स्वाद उसके छिलके की दूसरी पर्त जो सफेद रंग की होती है उसमे भी होता है ,इसलिए इसके छिलके को सावधानी से सिर्फ ऊपर से हल्का ही हटाए ,इसके बाद खट्टे की छोटे छोटे टुकड़े कर के पारम्परिक डंडे कुंडे में डाले
अब धनिये के मिश्रण को भी खट्टे में मिला ले और हल्का सा कूट ले ताकि खट्टे में मौजूद रस हल्का हल्का सारे मसाले में रिस जाए , अब इसको हाथो से पुरे मिश्रण को मिला ले
अब स्वादिष्ट खट्टा तैयार हो चुका है , ध्यान रहे खट्टे को तैयार करने के आधे घंटे में ही खाना होता है ,इसे फ्रिज में रख कर अगले दिन या लम्बे समय तक स्टोर न करे क्योकिं इसमें मोजूद अम्लीय तत्व जल्दी ही रसायनिकी किर्या से विषले हो जाते है जो स्वस्थ के लिए हानिकरक हो सकते है
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लेख : बबीता कौंडल ,नगरोटा बगवां
यह लेख नगरोटा बगवां की बबीता कौंडल ने लिखा है ,आप भी चाहे तो बीइंग पहाड़ी पर हिमाचल से स्म्वंधित लेख लिख सकते है,इसके लिए आप को प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी ,अपनी रचनाये beingpahadi@himachalirishta.com पर ईमेल करे
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