शादी करके अपना घर बसाना, ज़िंदगी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव है। फिर चाहे शादी कोर्ट में हो, चर्च में हो, क़ाज़ी साहब के निकाह पढ़ने से हो या फिर पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरों से, ये जिंदगी का अहम हिस्सा होती है, जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है। एक ही घर में पैदा हुए दो भाइयों या बहनों के विचारों में भी ज़मीन आसमान का अंतर होता है, ऐसे में दो अलग अलग परिवारों से आए व्यक्तियों के विचारों में अंतर होना लाज़मी है। और जहाँ विचारों में अंतर में हो, वहाँ खटपट और झगड़ा होना तो आम बात है।
किसी भी समझदार पति या पत्नी को झगड़ा करने में मज़ा नहीं आता, मगर फिर भी मियाँ-बीवी में खटपट हो ही जाती है। झगड़ों की शुरूआत अक्सर कुछ इस तरह से शुरू होती है कि पति या पत्नी कुछ ऐसी बात कह देते हैं, जिससे दूसरा चिढ़ जाता है। देखते ही देखते वे एक-दूसरे पर चिल्लाने लगते हैं, गुस्से की आग भड़क उठती है और इससे एक ज़बरदस्त झगड़ा छिड़ जाता है। दोनों एक-दूसरे को दोषी ठहराने लगते हैं और फिर अचानक, एक खामोशी-सी छा जाती है, क्यूँकि दोनों में से कोई भी पहले झुकना नहीं चाहता।
एक दूसरे से उम्मीद रखते हैं कि पहले सामने वाला आके बात करेगा। लेकिन पति पत्नी का रिश्ता ही कुछ ऐसा है कि ज़्यादा समय तक एक दूसरे से नाराज़ नहीं रह पाते। कुछ समय बाद, उनका गुस्सा ठंडा हो जाता है और वे एक-दूसरे से माफी भी माँग लेते हैं और फिर घर में शांति होती है, कम से कम अगले झगड़े तक।
आज के इस बदलते परिवेश में, जहाँ पति पत्नी दोनों का अपना ख़ुद का एक अस्तित्व होता है, वो एक दूसरे पर निर्भर नहीं होते, ये ज़िंदगी भर साथ निभाने का वादा कब टूट जाता है, पता ही नही चलता। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि ये जीवन भर साथ निभाने का वादा जीवन के अंत तक बना रहे तो जरूरी है इन बातों का ख्याल रखना ताकि आपके रिश्तों में प्यार की मिठास और खुशियां बनी रहे-
शादीशुदा जिन्दगी को ऐसे बनाएं बेहतर :-
1. आपसी विश्वास बनाए रखें –
दाम्पत्य जीवन की अटूट कडी है ” विश्वास ” और विश्वास पर ही पति-पत्नी का रिश्ता टिका होता है। इसलिए अपने रिश्ते में शक न लाएं क्योंकि अगर एक बार पति-पत्नी के बीच शक अपनी जगह बना लेता है तो पूरी जिंदगी लग जाती है टूटी कड़ी जोडने में। जैसा कि आपने सुना ही होगा, अगर धागा एक बार टूट जाए तो जुड़ता नहीं और जुड़ता भी तो है तो बीच में गाँठ आ ही जाती है। इसलिए जरूरी है कि विश्वास की नींव हिलने न दें बल्कि इतनी मजबूत बनाएं कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियाँ भी इसे हिला न सके।
2. प्लानिंग करें –
जीवन के हर मोड़ पर प्लानिंग ज़रूरी होती है। जिस तरह विद्यार्थीकाल में अपनी पढ़ाई और खेल कूद के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए टाइम टेबल बनाया जाता है, उसी तरह विवाह के बाद अपनी गृहस्थी की गाड़ी को सही तरीक़े से चलाने के लिए प्लानिंग करें। बचत व निवेश की योजनाएं बनाएं और इसके साथ फैमिली प्लानिंग भी करके चलें ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके और अपनी सुविधानुसार फैमिली बढाई जा सके।
इस तरह से पैसे की वजह से आपसी रिश्तों में कभी तनाव नहीं आएगा। अगर आपके जीवनसाथी में बचत के गुण नहीं हैं तो आप ज़ोर ज़बरदस्ती से नहीं, बल्कि प्रेम से उन्हें बचत के फ़ायदे समझाकर बचत करने के लिए प्रेरित करें, इससे आपकी गृहस्थी की गाड़ी हर कठिन मार्ग पर भी सही दिशा में बढ़ती रहेगी।
3. अपने मन की बात अपने जीवनसाथी को बताएँ –
आपके मन में जो भी बात है, उसे आप अपने जीवनसाथी को बताएँ। अगर आपको कुछ चाहिए तो मांग लें, अगर कुछ गलत लगे तो बोल दें, बिना कहे आपकी बात कोई कैसे समझेगा। ये उम्मीद ना रखें कि आपके जीवनसाथी को आपके बिना कहे ही आपकी हर बात समझ जानी चाहिए, ऐसा सिर्फ़ फ़िल्मों में होता है, असल ज़िंदगी में नहीं।
4. हर छोटी-छोटी बात पर झगड़ा ना करें –
आज की भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में वैसे ही बहुत सी समस्याएँ हैं, ऐसे में अगर पति-पत्नी के बीच भी हमेशा नोक-झोंक होती रहे तो समस्याएँ और बढ़ जाएँगी। इसलिए जो मसले छोड़े जा सकते हैं, जिन पर झगड़ा करके भी कोई हल नहीं निकलना हो, उन्हें छोड़ दें। अगर आप हर छोटी बात पर अपने जीवनसाथी से झगडा करेंगे तो जब कोई बड़ा मसला आएगा तो वह आपकी बात पर ध्यान नहीं देंगे। उलाहना या ताना देने से रिश्ते ख़राब होते हैं, इसलिए ताने देने के बजाय काम कैसे किया जाए या अपने जीवनसाथी को कैसे समझाया जाए, उसपर ध्यान दें।
5. परिवार या दोस्तों को झगड़े में शामिल ना करें –
आपसी मन-मुटाव को अपने बीच ही रहने दें, उसमें परिवार के अन्य सदस्यों या फिर दोस्तों को शामिल ना करें। आपको जो भी समस्या है, उसके बारे में अपने जीवनसाथी से बात करें, उसके बारे में औरों से बात न करें। अपने जीवनसाथी से अपने मन की बात कहे बिना अपने दोस्तों या परिवार से उनकी बुराई न करें। अपने जीवनसाथी की शिकायत अपने परिवार या दोस्तों से करने से कुछ हल तो निकलेगा नहीं, बल्कि आपके रिश्ते की छवि उनकी नज़र में ख़राब ही होगी।
6. वास्तविकता में जीना सीखें –
याद रखें कोई भी रिश्ता 100 प्रतिशत सम्पूर्ण नहीं होता। अगर आप चाहते हैं कि आप अपने जीवनसाथी के साथ हमेशा खुश रहें और आप दोनों में कभी झगडा न हों तो अपने जीवनसाथी से ऐसी उम्मीदें रखें जो वह पूरी कर सकें। क्यूँकि जब उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं तो इंसान दुखी हो जाता है, चिड़चिड़ा हो जाता है और फिर झगड़े होने लगते हैं। इसलिए उम्मीदें ऐसी रखें, जो पूरी हो सकें।
7. अपने जीवनसाथी को बदलने की कोशिश न करें –
आपका जीवनसाथी जैसा है, उसे वैसा ही स्वीकार करें और उसे एहसास कराएं कि आप नहीं चाहते हैं कि वो आपके लिए अपने आप को बदलें। जैसे जैसे आपका आपसी प्रेम प्रगाढ़ होता जाएगा, वैसे वैसे आप दोनों ही अपने आपको एक दूसरे के अनुरूप ढालते जाएँगे और आपको एहसास भी होगा कि ये बदलाव कब आया।
8. एक दूसरे के लिए समय निकालें –
आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हों, पर एक-दूसरे को समय जरूर दें, क्यूँकि कई बार समय की कमीं के कारण रिश्ते बिखरने लगते हैं। इसलिए अपने पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें। एक-दूसरे को सरप्राइज़ जरूर दें। पर ये सरप्राइज़ झटके वाले ना हों, मतलब आपका बजट ना बिगडे और पार्टनर भी सरप्राइज़ देखकर खुश हो जाए।
9. सुखी गृहस्थ जीवन के कुछ मंत्र –
पति पत्नी की आधी से अधिक समस्याओं के निवारण का मंत्र है – I LOVE U, इसलिए इसका इस्तेमाल अधिक से अधिक करें। कोई ग़लती हो जाए तो SORRY बोलने में देर ना करें, झगड़ा बढ़ने से पहले ही ख़त्म हो जाएगा। THANK U शब्द जादू का काम करता है, इसलिए अगर आपके पार्टनर ने आपके घर व आपके लिए कुछ किया है तो thank u जरूर कहें।
10. एक दूसरे की ज़रूरत समझें –
पति पत्नी को एक दूसरे की हर तरह की ज़रूरत का ख़्याल रखना चाहिए, चाहे वो भावनात्मक हो, शारीरिक हो या फिर आर्थिक। एक दूसरे की ज़रूरतों को कभी नकारें नहीं और जितना हो सके एक दूसरे की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करें। शादी के बाद डेटिंग जैसी चीजों को खत्म ना करें बल्कि मौका मिलते ही डेट पर जाएं ताकि पुरानी यादें ताजा हो सकें और आपका आपसी रिश्ता मज़बूत हो सके।
11. एक दूसरे का सम्मान करें –
आपस में हमेशा अदब व शिष्टाचार रखें। कभी भी अपशब्द का इस्तेमाल ना करें। तर्क-वितर्क करते समय आपा ना खोएं। माना ईगो इंसानी व्यक्तित्व का गुण है, जो समाज में आपकी पहचान के साथ अपने आप विकसित होने लगता है, पर इसका मतलब ये नहीं कि रिश्ते में ईगो लाएं। बार-बार अपने पार्टनर को छोड देने की धमकी ना दें, इससे रिश्ते की डोर कमजोर होती है। आमतौर पर ये माना जाता है कि शादी के बाद प्रेम और परिपक्व हो जाता है, इसलिए प्रेम को और बढाएं ना कि कम होने दें। एक -दूसरे को सम्मान दें, क्यों कि आपके द्वारा दिया गया सम्मान तीसरे की नजर में भी आता है, इसलिए गरिमा बनाए रखें।
आज कल की पीढ़ी सिनेमा जगत से बहुत प्रभावित है, फ़िल्में देख देख कर वैसी ही ज़िंदगी और वैसे ही जीवनसाथी की कल्पना करने लगते हैं। परंतु सफ़ेद घोड़े पे राजकुमार और चाँद-तारे तोड़ के लाने वाला हीरो सिर्फ़ फ़िल्मों में होता है। इसी तरह घर को स्वर्ग बनाने वाली, चुपचाप सबकी बातें सुनने वाली और परियों के जैसी ख़ूबसूरत हीरोईन भी सिर्फ़ फ़िल्मों में ही होती है। इसलिए अधिक उम्मीदें ना पाल कर, जो आपको मिला है उसमें संतुष्ट रहना सीखें, वैसे भी कहा जाता है ना – जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है। अगर पति पत्नी सूझ बूझ से काम लें, एक दूसरे की इज़्ज़त करें और आपसी समन्वय बनाए रखें, तो हर घर ख़ुद ही स्वर्ग जैसा बन जाएगा।
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