Spread the love

क्या आप एक ऐसे नेता की कल्पना कर सकते हैं जिन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद भी पूरी उम्र भर की कमाई सिर्फ 563 रू 30 पैसे जुटाई हो। अपने बच्चों के लिए एक अदद घर तक नहीं बनाया हो। नहीं ना…अब ऐसे नायक की बहुत आवश्यकता है देश को। ऐसे ही एक नेता था हिमाचल प्रदेश के निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार।

डॉ यशवंत जी का जन्म हिमाचल के सिरमौर जिला में बसे चनालग नामक गांव में 4 अगस्त 1906 को हुआ था। 1926 में 20 वर्ष की आयु में उन्होंने लाहौर से फोरमैन क्रिस्चियन काॅलेज से बीए किया। 1928 में कैनिग काॅलेज लखनऊ से एम ए करने के बाद उन्होंने वहीं से एल एल बी की। 1929-30 तक वे थियोसोफिकल सोसाइटी के मेंबर रहे। डॉ परमार 1930 से 1937 तक सब-जज और मैजिस्ट्रेट रहे।

1937 से 1941 तक डाॅ परमार जिला और सैशन जज रहे। इसी दौरान उन्होंने 1944 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से सामाजिक शास्त्र में पी एच डी की पढाई पूरी की। वे 1943-46 तक सिरमौर एसोसिएशन के सचिव रहे। उसके बाद 1946-47 तक वे हिमाचल स्टेट काउंसिल के प्रधान रहे। 1947 से 1948 तक डाॅ परमार ने आल इन्डिया पीपुलस कान्फ्रेस के और सुकेत आन्दोलन में संचालक के तौर पर काम किया। उन्हीं के अथक प्रयासों से 15 अप्रैल 1948 को 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का निर्माण किया गया।

हिमाचल प्रदेश बनने के बाद 1948 से 1952 तक डाॅ यशवंत परमार हिमाचल प्रदेश चीफ एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य सचिव रहे। इसके साथ ही 1948 से 1964 तक हिमाचल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। 1952 में हुए पहले चुनाव में वे हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए और उनका कार्यकाल 1956 तक रहा। 1957 में वे सांसद बनकर संसद पहुंचे। उसके बाद फिर से हुए चुनावों में 1963 से 24 जनवरी 1977 तक मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को उन्नति की ओर अग्रसर किया। उनके इसी कार्यकाल के दौरान 25 जनवरी 1971 को हिमाचल केंद्र शासित राज्य से पूर्ण राज्य बन पाया।

Y S parmar
Y S parmar

Dr.Yashwant Singh Parmar (4 August 1906 – 2 May 1981) was an Indian politician. He was a leader of the Indian National Congress and the first Chief Minister of Himachal Pradesh state. He was also the founder of the state Himachal Pradesh. He was born at Chanhalag village near Bagthan in a rajput family in the erstwhile princely state of Sirmour. He studied in the Christian College in Lahore and later received his PhD from Lucknow University in 1944.[2] Upon the formation of the constituent assembly of India in 1946, he represented Himachal Pradesh in the constituent assembly -Wikipedia

लगभग 3 दशकों तक कुशल प्रशासक के रूप में जन-जन की भावनाओं और संवेदनाओं को समझते हुए उन्होंने प्रगति पथ पर अग्रसर होते हुए हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए नई दिशाएं प्रस्तुत की। उनका सारा जीवन प्रदेश की जनता के लिए समर्पित रहा वे उम्र भर गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करते रहे। हालांकि उनको अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों की आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा।

डॉ॰ परमार ने अपने जीवनकाल में पालियेन्डरी इन द हिमालयाज, हिमाचल पालियेन्डरी इटस शेप एण्ड स्टेटस, हिमाचल प्रदेश केस फार स्टेटहुड और हिमाचल प्रदे्श एरिया एण्ड लेगुएजिज नामक शोध आधारित पुस्तकें भी लिखी। डॉ॰ परमार 2 मई 1981 को स्वर्ग सिधार गए। उनके सम्मान 1985 में नौणी जिला सोलन में डाॅ यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। इस समय हिमाचल और देश को ऐसे ही जुझारू, कर्मठ और जनकल्याणकारी नेताओं की बहुत जरूरत है।

Tags : YS Parmar,First CM of Himachal

Advt:Himachali Rishta Himchal Matrimonial website | Register Free today and search your soulmate among the thousands of himachali grooms/bridesहिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मटरीमोनिअल सेवा में आज ही निशुल्क रजिस्टर कर के चुने हजारो हिमाचली लड़के लडकियों में से अपने लिए सुयोग्य जीवनसाथी ,रजिस्टर करने के लिए क्लिक करे

क्या आप हिमाचली है और अपने या किसी रिश्तेदार के लिए अच्छा रिश्ता ढूंड रहे है ?आज ही गूगल प्ले स्टोर से हिमाचली रिश्ता की एप डाउनलोड करे और चुने हजारो हिमाचली प्रोफाइल में उचित जीवनसाथी हिमाचली रिश्ता डॉट कॉम पर 

Himachal Matrimonial Service Himachali rishta

Facebook Comments

Leave a Reply