रोचक हिमाचल :भारत में खेती बारिश पर निर्भर करती है। बारिश न होने से सूखा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हिमाचल पहाड़ी क्षेत्र है हालांकि यहाँ बहुत से पानी के स्त्रोत भी हैं। लेकिन खेती लगभग सभी स्थानों पर बारिश पर ही निर्भर है। ऊपरी क्षेत्रों में गर्मियों में भी तापमान बहुत अधिक नहीं होता लेकिन मध्यम और निचले क्षेत्रों में तापमान बहुत बढ जाता है। तब सबको बस एक ही आस होती है वो है कि कब जैसे बारिश हो जाए। बच्चे बूढ़े सब बारिश का इंतजार कर रहे होते हैं कि कब बादल आएं और बारिश हो जाए। बड़े-बूढ़ों को फसल की चिंता होती है और बच्चों को गर्मी से परेशान
बच्चे इस तरह कीचड़ में नहाकर और कालिख पोतकर पूरे गांव में घूमते हैं और सबसे पैसे इक्कठा करते हैं। उन पैसों से बच्चे दलिया, हलवा या फिर छोटा सा लंगर तैयार करते हैं। लंगर तैयार करने के बाद ख्वाजा पीर या जिसे लखदाता पीर के नाम से भी जानते हैं, की पूजा की जाती है और सबको प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। बचपन में मैंने भी इसमें कईं बार भाग लिया और यहाँ तक कि बड़ी हो गई थी तब भी भाई और उसके दोस्तों को जब दलिया बनाने वाला कोई नहीं मिलता था तो वो मुझे पकड़कर ले जाते थे कि दीदी आप बना दो। यह एक विश्वास था बाकि यह कहाँ तक सच था ये याद भी नहीं है। अब कोई इस तरह नहीं करता है। न बच्चों में इसके लिए उत्साह होता है और न ही यह अब यह देखने को मिलता है। खैर जो भी हो एक विडियो देखी उसे देखकर सब बचपन की यादें ताजा हो गईं। अगर आपने भी कभी इस तरह किया हो या कुछ और इस तरह की रोचक कहानियां या मान्यताओं की जानकारी हो तो जरूर साझा करें ताकि सबको इनसे अवगत कराया जा सके।
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ऐह न्याणे क्या लगे करने…???
Posted by Being Pahadi बीइंग पहाड़ी डॉट कॉम on Thursday, 29 June 2017
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