एतिहासिक कन्या देवी मंदिर से जुडी है इस पत्थर की कहानी, अपनी ही बेटी को ब्याहने पहुँच गया था राजा
धर्मशाला से संजीव कौशल की रिपोर्ट
सुलह विधानसभा क्षेत्र के झरेट गांव में स्तिथ इस पत्थर को स्थानीय लोग कोहड़ी पत्थर के नाम से जानते हैं. कन्या देवी मंदिर से थोड़ा उपार चढ़ कर ढलान पर यह अजब सा दिखने वाला बड़ा बदसूरत सा पत्थर स्कूल के पीछे स्थित है.कहा जाता है यह वो राजा है जो अपनी बेटी से विवाह करने आया था और बेटी के श्राफ से पत्थर में तब्दील हो गया था. स्कूल के मैदान सहित इस क्षेत्र में इसी तरह के छोटे छोटे कई बदसूरत पत्थर देखने को मिलते हैं. लोगों का मानणा है कि ये वो बाराती हैं, जो राजा के साथ आये थे और श्राफ से पत्थरों में बदल गए थे.
राजा की कन्या की मार्मिक कथा
जनश्रुति है कि द्वापर में योल के पास स्थित एक सियासत का राजा के घर एक कन्या ने जन्म लिया, राजा ने अपने पुरोहित से जब कन्या के ग्रह देखने को कहा तो पुरोहित ने बताया कि पुत्री अपने पिता की बर्बादी का कारण बनने वाली है. राजा ने जब उपाय पूछा तो पुरोहित ने बेटी किसी को दान करने की सलाह दी, जिस पर राजा ने अमल किया और नवजात को किसी के हाथों सौंप दिया.
अपनी ही बेटी को ब्याहने पहुँच गया राजा
कई सालों बाद राजा शिकार करने झरेट के जंगल में पहुंचा तो उसकी एक खूबसूरत लडकी से भेट हुई. कन्या राज कुमारी जैसी दिख रही थी. राजा ने अपने मंत्रियों के साथ जिद पकड ली कि वह इस कन्या से शादी करेगा. राजा अपनी ही कन्या को ब्याहने के लिए यहाँ बारात ले कर यहाँ पहुंचा था, कन्या के श्राफ से बरात सहित पत्थर में तब्दील हो गया था और कन्या कुछ ही दूरी पर अदृश्य हो गई थी, बाद में कन्या देवी के नाम से प्रकट हुई और मंदिर का निर्माण हुआ.
:- फोकस हिमाचल के सभार से
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