Top 5 Pahadi Fruits that must be tasted
देव भूमि हिमाचल प्रदेश में हजारो प्रकार कि जंगली औषधिया पायी जाती है ,प्रकृति ने हिमाचल को सुन्दरता के साथ साथ हजारो प्रकार के फल फुल और औषधियों वाले पोधो से आशीर्वाद दिया है I यहाँ पर कई प्रकार के जंगली भोजन खाने के लिए उपलब्ध है ,इन्ही में से आज हम आपको बता रहे है पांच ऐसे ही जंगली फल फुल जो आप सब ने भी पक्का खाए होंगे
1.आखे :
Comman Name :Golden Himalayan raspberry
Botanical Name: Rubus ellipticus
Aakhe Pahadi Fruit : आखे तो आपने बचपन में खूब खाए होंगे I यह जंगली पोधा हिमाचल के कम ऊंचाई वाले क्षत्रो जैसे काँगड़ा चंबा हमीरपुर बिलासपुर आदि के काफी भागो में आसानी से देखा जा सकता है l यह पीले हलके पीले ,गाड़े पीले ,नारंगी और लाल रंग का होता है इसकी कई साड़ी नसले पहाड़ो में मिलते है I स्वाद में यह मीठा ,खट्टा मीठा और कुछ नसले कडवी या तीखी या फिक्की भी होती है I इस फल का पोधा झाड़ीनुमा होता है और उसमे विटामिन सी काफी मात्रा में पायी जाती है I इसके जूस को बुखार ,गले दर्द आदि के लिए काफी लाभदायक होता है I
यह पोधा हिमाचल के साथ साथ सभी अन्य पर्वर्तिये राज्यों जैसे उतराखंड ,सिक्किम अरुणाचल प्रदेश के साथ साथ नेपाल ,भूटान,चीन और विश्व के अन्य कई देशो में पाया जाता है Iइस फल के औषधीय गुणों के कारण पश्चिमी देशो में इसकी आर्गेनिक खेती कर के जूस को बेचा भी जा रहा है I
2.कराली :
Karali : इसकी कलियों कि सब्जी तो आपने कई बार खायी होगी I कराली के फुल भी कम ऊंचाई वाले हिमाचल के क्षेत्रो में बहुतायत में मिल जाते है I कली कि जहाँ सब्जी और अचार बनता है वही इसके फुल के पकोड़े बहुत ही स्वादिस्ट बनते है I इसका वृक्ष 40-60 मीटर का होता है जिसके चारे को पशुओ के लिए इस्तेमाल किया जाता है
कराली का पेड़
3.शेह्तुत :
Comman Name: Mulberry
Botanical Name :Morus
यह फल भी मार्च अप्रैल में बहुत होता है I शेह्तूत कि भी कई प्रजातीयाँ होती है और इसका स्वाद भी सामान्यता मीठा होता है लेकिन कुछ शेह्तुत खट्टे स्वाद वाले भी होते है I इसके पत्तो को चारे के प्रयोग के साथ साथ रेशम के व्यवसाय वाले रेशमी कीड़ो के भोजन के लिए भी करते है I इसका पेड़ काफी जल्दी बडा हो जाता है, इसके पेड़ को तैयार होने में 2 बर्ष से अधिक समय नही लगता यहाँ तक कि बरसात के मोसम में शेह्तुत कि एक छड मिटटी में फेंक दो वो भी बिना किसी खास देखवाल के एक साल में एक वृक्ष का रूप ले सकती है
4.बुरांस : Burans
Botanical Name : Rhododendron arboreum
बुरांस के फुल सामान्यता मध्यम ऊंचाई वाले हिमाचल के क्षत्रो में पाए जाते है जहाँ पर सर्दियों में वर्फ गिरती है I गर्मियों के मौसम में उंची पहाड़ियों पर खिलता है ये फूल। बुंरास का फूल समुद्र तल से 1500 से 3600 मीटर की उंचाई पर हिमालय के पहाड़ाें पर उगता है।इसके फलो का उपयोग चटणी बनाने और जूस बनाने के लिए किया जाता है I
बुंरास के फूल से बना जूस इंसान को लिवर रोगए किडनी की परेशानी, हार्ट से जुडी बीमारियों के अलावा कई गंभीर रोगों को ठीक करता है।यही नहीं बुंरास के फूल से बना जूस पीने से हड्डियों में होने वाले दर्द भी आसानी से ठीक होता है। बुंरास के जूस को पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।हृदय रोग से पीड़ित लोग यदि प्रतिदिन एक गिलास बुरांश का जूस पिएं तो रोग जड़मुक्त हो जाएगा। जबकि शारीरिक विकास व खूनी की कमी में बुरांश का जूस व इससे तैयार उत्पाद अचूक औषधि का काम करती है।
5.धुडू /भरूनी – ( Comman Fig )
(Dhudu Pahadi Fruit -Comman Fig ):इसके फल और पेड़ में से दूध जैसा सफेद रस निकलता है ,जिसे निचोड़ने के बाद ही इस फल को खाया जाता है , यह फल भी काँगड़ा और आसपास के इलाको में आसानी से मिल जाता है ,इसका स्वाद मीठा होता है I
इसके पोधे के पत्तो कि सर्दियों के मोसम में जब नई नई कोपले आती है तो इसके नर्म नर्म पत्तो कि चटनी बनती है जिसे भरुनी कहते है , चटणी को डंडे कुंडे में पिस कर बनाया जाता है और उसके बाद उसके ऊपर जलते हुए कोयले के ऊपर सरसों या औरी के तेल डालकर तुरंत ढककर 10 मिनट बाद सर्व कर दिया जाता है
Wealth of India के एक अध्ययन के अनुसार धुड़े में प्रोटीन 5.3 प्रतिशत, कार्बोहाईड्रेड 27.09 प्रतिशत, फाईवर 16.96 प्रतिशत, कैल्शियम 1.35, मैग्नीशियम 0.90, पोटेशियम 2.11 तथा फास्फोरस 0.28 मि0ग्रा0 प्रति 100 ग्राम तक पाये जाते हैं। इसके साथ-साथ पके हुये धुड़े का फल ग्लूकोज, फ्रूकट्रोज तथा सुक्रोज का भी बेहतर स्रोत माना जाता है जिसमें वसा तथा कोलस्ट्रोल नहीं होता है। अन्य फलों की तुलना में फाइवर भी काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है तथा ग्लूकोज तो फल के वजन के अनुपात में 50 प्रतिशत तक पाया जाता है जिसकी वजह से कैलोरी भी बेहतर मात्रा में पायी जाती है,पोषक तत्वों के साथ-साथ फिनोलिक तत्व भी मौजूद होने के कारण इसमें जीवाणुनाशक गुण भी पाया जाता है तथा एण्टीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में होने की वजह से यह शरीर में टॉक्सिक फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय कर देता है
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