शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शपथ दिलवाई। राज्यपाल ने मंत्रियों को भी पद और गोपनियता की शपथ दिलवाई। जिसमें महेंद्र सिंह, शिमला से विधायक सुरेश भारद्वाज, किशन कपूर, अनिल शर्मा, रवीन चौधरी, रामलाल मार्कण्डे, विपिन परमार, वीरेंद्र कंवर, राजीव सहजल ने मंत्री पद की शपथ ली। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत विभिन्न राज्यों के सीएम भी मौजूद रहे।प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए रिज मैदान पर भारी भीड़ देखी गई।
छह नए चेहरों समेत 11 मंत्रियों ने ली शपथ
न्यूज 18 हिमाचल के अनुसार :
जयराम कैबिनेट में छह नए चेहरों समेत 11 मंत्रियों ने शपथ ली. बता दें कि 68 सीटों विधानसभा में सीएम समेत 12 मंत्री बनाए जाते हैं.
शिमला शहरी सीट से लगातार तीसरी बार जीते सुरेश भारद्वाज, धर्मशाला से किशन कपूर, कांगड़ा के सुलाह से विपिन परमार, चंबा के भटियात से ठाकुर विक्रम सिंह, कसौली के डॉक्टर राजीव सैजल, ऊना के कुटलेहड़ से वीरेंदर कंवर, मनाली से जीते गोविंद ठाकुर कैबिनेट में नए चेहरे शामिल किए गए हैं.
वहीं, पुराने दिग्गजों में मंडी के धर्मपुर से सातवीं बार जीते ठाकुर महेंद्र सिंह, मंडी से सुख राम के बेटे और पूर्व सरकार में भी मंत्री रहे अनिल शर्मा को मंत्रीमंडल में जगह मिली है. इसके अलावा, महिला कोटे से कांगड़ा के शाहपुर से जीती सरवीण चौधरी और लाहौल स्पीति से जीते राम लाल मारकंडा को कैबिनेट में तवज्जो दी गई है
जय राम ठाकुर के बारे में
जयराम पीएम नरेंद्र मोदी की पहली पसंद बताए जाते हैं. जयराम ठाकुर संघ के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से उन्होंने राजनीति में कदम रखा है. वो हिमाचल में बीजेपी के दिग्गज नेता शांता कुमार के करीबी हैं.
श्री जय राम ठाकुर जी का जन्म 6 जनवरी 1965 मंडी जिला के अंतर्गत आने वाली थुनाग तहसील में तांडी गांव के राजपूत परिवार में श्री जेठू राम और श्रीमती बृकु देवी के घर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कुराणी गांव के प्राईमरी स्कूल से हुई और उच्च शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगस्याङ से हुई। मंडी काॅलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से एम की। उनका बचपन गरीबी में बीता था और उनके माता-पिता अपने पांच बच्चों के पालन-पोषण के लिए खेतों में काम करते थे। एक अखबार के लिए दिए इंटरव्यू में ठाकुर जी कहते हैं कि स्कूल से निकलने के बाद उन्होंने करीब दो साल तक कालेज में दाखिला नहीं लिया था। क्योंकि उनको लगता था कि उनके माता-पिता उनकी पढाई के लिए खर्च नहीं कर पाएंगे।
अपने काॅलेज के समय से ही ये छात्र संगठन में रहते हुए एबीवीपी के साथ जुङ गए थे। 1986 में एबीवीपी के राज्य सहायक सचिव भी रहे। 1989 से 1993 तक ये एबीवीपी के जम्मू-कश्मीर आयोजन सचिव रहे। 1993 से 1995 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सचिव और 2000-03 तक राज्य भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे। 2003-05 तक भारतीय जनता पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष और 2006-09 तक अध्यक्ष भी रहे। श्री जय राम ठाकुर जी के नेतृत्व में उन्होंने पार्टी को एकजुट रखा।
1998 में वे पहली बार च्चयोट विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और तब से 2003, 2007, 2012 और 2017 में लगातार पांचवीं बार सिराज क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं। इसके साथ ही ये सामान्य विकास कमेटी और शिक्षा कमेटी के अध्यक्ष और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष भी रहे। जुलाई 2012 में पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री बनने से पहले वे ग्रामीण योजना आयोग के अध्यक्ष और अन्य गृह आयोगों के सदस्य भी रहे।
बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष श्री अमित शाह ज द्वारा उनके क्षेत्र में की गई चुनावी रैली के दौरान उन्होंने कहा था कि इस बार अगर ये चुनाव जीत जाते हैं तो उनको पार्टी में बहुत सी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अब जब मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल जब चुनाव हार गए तो श्री जय राम ठाकुर जी को मुख्यमंत्री चुना गया।
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