उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) में रविवार को ऋषि गंगा नदी (Rishi Ganga River) में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी जिंदगियां बचाने की जद्दोजहद ज़ारी है. आर्मी, पुलिस और अर्ध सैनिक बल के 600 से ज्यादा अफसर और जवान मिलकर हादसे के समय टनल में फंसे 25 से 35 लोगों की खोज में जुटे हैं. रविवार से ही टनल में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए दिन रात काम चल रहा है. यह एक तरह से समय के साथ दौड़ लगाने की मुहीम है, जिसमे राहत टीम कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. राहत टीम में अब नेवी के गोताखोर (Frogman) भी शामिल हो गए हैं.
अब इस बीच हादसे से जुड़ा एक नया वीडियो सामने आया है, जो रौंगटे खड़े करने वाला है. वीडियो घटना के समय किसी स्थानीय व्यक्ति ने बनाया है. वीडियो में साफ़ दिख रहा है कैसे तेज बहाव के साथ आते पानी और गाद ने तपोवन प्रोजेक्ट से जुड़े कर्मचारी अपने को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन प्रकृति के आगे वो आंखिरकार हार गए. और देखते ही ही देखते बैराज पर चढ़े कर्मचारी काल के गाल में समा गए
बुधवार सुबह तक 33 शव अलग-अलग जगह से बरामद किये गए हैं. आठ मृतकों की शिनाख्त हो पाई है जिसमें से कई उत्तर प्रदेश के हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, कुल 206 लोग हादसे का शिकार हुए हैं. 173 लोग अभी भी लापता हैं. इनमें से ज्यादातर दो हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स में काम करने वाले कर्मचारी हैं. प्रभावितों में उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश और पंजाब के निवासी शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के तीन मंत्रियों की टीम उत्तराखंड भेजी हुई है, जो अफसरों के साथ कोर्डिनेट करके यूपी के लापता लोगों की जानकारी ले रहे हैं
उत्तराखंड में ग़लेशियर टूटने के बाद मची तबाही व तमाम मुश्किलों के बावजूद राहत और बचाव कार्य में लगे जाबाज जवानों (देवदूतो) के जजबे व हिमत को सलाम …..
यही देश के असली हीरो
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