जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हुए कांगड़ा के जवान जोरावर सिंह का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
कांगड़ा के शाहपुर के रैत गांव में शुक्रवार 12 बजे के करीब उन्हें अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान पूरा गांव उमड़ पड़ा. जो भी अंतिम संस्कार में पहुंचा, उसकी आंख नम हो गई
पठानकोट-मंडी हाईवे पर शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही लोगों ने जोरावर सिंह अमर रहे, भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. शहीद के 75 वर्षीय पिता राय सिंह और 70 वर्षीय मां शकुंतला देवी भी अपनी बहू के साथ बेसुध हो गए.
दो बेटियां और एक बेटा है जोरावर का
जोरावर सिंह के परिवार में दो बेटियों हरीतिका (12) और कृतिका (10) के अलावा, 4 साल का बेटा रुद्रांश है. इसके अलावा, उनकी मां और पिता और पत्नी भी हैं. जोरावर सिंह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में बुधवार को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.
भाई की हो चुकी है मौत, दो बेटियां और पत्नी छोड़ गए शहीद
जोरावर सिंह के शहीद होने खबर आते ही उनके घर में मातम छाया है. रैत में भी शोक की लहर दौड़ गई है. शहीद अपने पीछे दो बेटियां, एक बेटा व पत्नी को छोड़ गया है. शहीद के तीन भाई थे. जिनमें से सड़क दुर्घटना में एक का देहांत पहले ही ही चुका है. छोटा भाई गांव में ही ड्राइवरी करता है.
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद
आतंकियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में देश के पांच वीर जवान शहीद हुए हैं। इनमें से एक जोरावर सिंह जिला कांगड़ा शाहपुर के रैत निवासी थे। उनके शहादत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। गुरुवार दोपहर बाद उनका शव पैतृक गांव रैत पहुंचा। जहां पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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