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“कुंडलिया” – बरखा लग्गी बरसणा

बरखा लग्गी बरसणा , ठंडू दा ऐ जोर l Naveen Haldoonvi - Himachali Poet

थर-थर छुट्टै कम्मणी,के करघा कमजोर?

के करघा कमजोर,भाइयो रुक्खां बड्ढी ?
कनैं गपौड़ी लोक ,जान पड़सद्दे छड्डी l

अग्ग घिआणा वाल़ ,फेरदी अम्मा चरखा l
गांदा गीत “नवीन”, जदूं जे लग्गै बरखा l

 

 

 

 

रचना  :  नवीन  हलदूनवी ,नूरपुर (काँगड़ा हिमाचल  प्रदेश )

लेखक हिमाचल  प्रदेश  के  जाने  माने  कवि  है  और  कई  सारी  पुस्तके  जैसे :- एह् दुनियां ,पलौ खट्टे-मिट्ठे ,भारते नैं प्यार ,बोल्ला करदे प्हाड़ ,प्हौंच चढ़ी जा गास ,काल्हू निक्खरगा रंग ,मैंझर , लोक गलांदे सारे , प्हौंचा ब्हाल़े कनैं सुथरी सोचl आदि  लिख  चुके  है

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