इस समय जब बाॅलीवुड में रोज एक से एक नई फिल्में आ रहीं हैं वहां एक क्षेत्रीय फिल्म देखने में कोई रूचि नहीं लेता। लेकिन मंडी जिला के अजय सकलानी ने हिमाचली सिनेमा को नई राह दिखाई है और हिमाचल की भाषा, संस्कृति, प्रतिभा को देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहुंचाया है। वे इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और यहाँ तक की छायांकन और कहानी भी खुद लिखी है। इस फिल्म के गाने जाने माने गायक मोहित चौहन ने गाए हैं जो कि सिरमौर जिला से संबंध रखते हैं।
उनकी इस मूवी का गाना “पूछे अम्मा मेरी” सुना, दिल को छू गया। इस गाने को सुनकर एहसास हुआ कि सच में हम नौकरी की तलाश में गांव से बाहर आते हैं और यहीं के ही होकर रह जाते हैं। अपने बीवी-बच्चों को भी अच्छा भविष्य, अच्छी जिंदगी देने के नाम पर उनको भी साथ लेकर आ जाते हैं और घर में रह जाते हैं सिर्फ बूढे माँ-बाप।
हिमाचल एक पहाड़ी क्षेत्र है और जिस तरह इस गाने में दिखाया है कि यहाँ के लोगों की दिनचर्या कैसी कठिन होती है, वही सब काम घर में रह रहे अकेले बूढ़े माँ बाप को करने पड़ते हैं। जिस उम्र में उनके लिए खाना बना पाना भी मुश्किल हो जाता है और उनको आराम की जरूरत होती है, वो खेती-बाड़ी का काम कर रहे होते हैं। यही सब दिखाया गया है इस गाने में कि कैसे बूढ़े माँ-बाप अपने बच्चों को याद करते हुए रो रहे होते हैं और उनके आने की राह देख रहे होते हैं। इस गाने का एक एक अल्फाज़ आपको एहसास दिलाएगा कि हम क्या छोड़ आए हैं अपने गांव में। जरूर देखें और शेयर करें।
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