Baba baroh temple
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बाबा बड़ोह मंदिर

 

हिमाचल प्रदेश (himachal) में कांगड़ा (kangra) से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर बाबा बड़ोह मंदिर (baba baroh temple) है। मंदिर के निर्माण में सर्वाधिक मात्रा में संगमरमर के होने की वजह से यह मंदिर सहजता से ही पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ खींच लेता है।

यह मंदिर केवल धार्मिक महत्व के लिए ही नहीं, बल्कि मंदिर के अंदर स्थापित आश्चर्यजनक मूर्तियों के लिए भी जाना जाता है। मंदिर परिसर में रखी मां दुर्गा की धातु से बनी आलौकिक प्रतिमा है। इस मंदिर में यात्रा के लिए अक्टूबर को सबसे अच्छा माना जाता है। दशहरे के दौरान संगमरमर से बना यह मंदिर रोशनी से जगमगा उठता है।

Baba Baroh temple fullइस मंदिर का निर्माण यहां के स्थायी अनुयायी व शिव भक्त बलिराम शर्मा ने करवाया था। यह मंदिर पहले विशाल बड़ के पेड़ के नीचे था. जिसके चलते लोग इस मंदिर को बाबा बड़ोह मंदिर कहकर पुकारने लगे। मंदिर में एक मंजिल में भगवान कृष्ण और राधा की मूर्ति रखी हैं। बाबा बड़ोह मंदिर को भगवान कृष्ण और राधा के नाम से भी जाना जाता है।

यहां जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा से भक्त हर साल जरूर आते हैं। इनकी मूर्तियों को मुख्य मंदिर में रखा गया है। वहीं दूसरी मंजिल पर मंदिर के अंदर रखी देवी दुर्गा की मूर्ति धातु से बनी है। जो कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु होती है। यहां भगवान शिव, मां दुर्गा, साई बाबा और भगवान हनुमान की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। मंदिर परिसर में दूसरे कोने पर भगवान शिव का मंदिर

Radha Krishan

इस मंदिर के निर्माण में आधुनिक वास्तुकला और प्राचीन दक्षिण भारत की वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। इस मंदिर का वास्तुशिल्प कौशल
देखने लायक है। मंदिर में कुछ कार्य सामाजिक कल्याण के लिए भी किए जाते हैं, जैसे कि गाय को आश्रय देना और लंगर सेवा। इस मंदिर से बर्फ से ढके
हिमालय पर्वत देखने पर अनोखी अनुभूति होती है।

View Baroh Temple

मंदिर परिसर में एक मुख्य मंदिर है और एक कोने में भगवान शिव का मंदिर है

Shiv Mandir Baba Baroh

खुले में भगवान हनुमान (बजरंग बली) की एक बड़ी मूर्ति (मूर्ति) है।

Hanuman

कैसे पहुंचे बड़ोह मंदिर

अगर आप हवाई यात्रा से यहां तक पहुंचना चाहते हैं, तो गग्गल हवाई अड्डा यहां से करीब 33 किलोमीटर है।

Gagal airport

रेल यात्रा के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन

कांगड़ा है, जो यहां से करीब 31 किलोमीटर की दूरी पर है।

Kangramandir

कांगड़ा सड़क मार्ग से हिमाचल समेत चंडीगढ़ व पंजाब के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह
जुड़ा हुआ है। बाबा बड़ोह मंदिर तक पहुंचने के तीन रास्ते हैं। एक रास्ता सींधा कांगड़ा से, दूसरा ज्वालामुखी से और तीसरी रास्ता नगरोटा बगवां से होकर
मंदिर तक पहुंचता है।

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