हमारे पिछले पोस्ट में विनय शर्मा जी ने टांडा मेडिकल के बारे में लिखा था ,जिसमे उन्होंने लिखा था की सुपर स्पेशलिटी आने के बाद इसकी बजह से करोड़ों कमाने वाले प्राइवेट हॉस्पिटलस का धंधा मंदा पड़ गया है (पूरा पोस्ट यहाँ क्लिक करे ),उनके इसी पोस्ट पर जाने माने समाजसेवी अरुण कुमार कुका जी ने जो टिप्पणी दी है जिसे आज हम यहाँ पोस्ट कर रहे है
अरुण कुका मेहरा जी काँगड़ा की एक जानी मानी हस्ती है और एक स्वयंसेवी के रूप में लोगो के बीच जाने जाते है टांडा मेडिकल कॉलेज पर यह पोस्ट उनकी फेसबुक टिप्पणी पर आधारित है
विनय भाई जी शुक्रिया, आपने टांडा मेडिकल कॉलेज का बहुत बढ़िया मुद्धा उठाया है और आपका शीर्षक मेडिकल माफिया का बीमार ग़रीबो का सहारा टांडा मेडिकल कॉलेज से जंग भी लाजभाव है।
मैंने आपकी पोस्ट पढ़ी और दोस्तों अलग अलग कमैंट्स भी पढ़े। कई दोस्तों ने TMC की तारीफ की कइयों ने डॉक्टर्स नर्से स्टाफ टॉयलेट की सफाई, लंबी लाइनों , टेस्टों की लंबी डेटो के बारे में जम कर बढास निकली।
मैं एक समाजसेवी होने ने नाते अक्सर दूसरे या तीसरे दिन TMC जाता रहता हूं। कई बार दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है।लगभग सभी senoirs डॉक्टर्स स्टाफ मुझे जानते व पहचानते हैं। बिमार लोगों की जरूरत के हिसाब से मैं सभी से मिलता भी रहता हूं । एक दो बार छोड़कर कभी किसी से शिकायत का मौका भी न मिला ।
आज के ज़माने में हर व्यक्ति VIP ट्रीटमेंट चाहता है लेकिन इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में शायद ये संभव नहीं। TMC लगभग 6 ज़िलों के लोगों को चाहे वो एक्सीडेंट केस हो, रेफेर केस हो या डलीवरी केस हो, के इलावा सामान्य मरीज़ों का इलाज करता है
- IGMC शिमला से डॉ जनक जो की न्यूरो सर्जन है डेपुटेशन पर टांडा में आये।उनके आने के बाद जितना समय वे रहे ,एक भी केस PGI चंडीगढ़ IGMC शिमला या अन्य प्रदेशों को नहीं रेफेर किया गया चाहे वे एक्सीडेंट थे या हैमरेज सभी का इलाज TMC में सस्ते में हुआ । जो की गरीव और आम लोगों के लिए बहुत बड़ा सहारा था ।लेकिन इस बजह से साथ ही के नामी प्राइवेट हॉस्पिटल का धंधा चौपट होने लगा । इस कारण् डॉ जनक का तबादला तुरंत शिमला कर दिया गया। लोगों ने जम कर विरोध किया । अखबारों की शुर्खिया बनी।लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी।
- किडनी के डॉ जरयाल आये, लोगों को सस्ती सुविधा उपलब्ध होने लगी ।फिर प्राइवेट नामी हॉस्पिटलों का धंधा चौपट होने लगा।और आनन फानन में उनको भी शिमला बदल दिया गया।
- चेस्ट और TB के डॉ डढवाल लंबे समय से दिन रात कड़ी मेहनत से लोगों की सेवा कर रहे थे ,उन्हें भी बदल दिया गया।फिर लाचार बीमार लोग प्राइवेट महंगे हॉस्पिटलों के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए।इस के बाद डॉ पंकज गुप्ता, जो की शिमला IGMC के बाद TMC टांडा में डायलिसिस की सस्ती सुविधा दिन रात, सस्ते दामो में दे रहे थे, जबकि की नामी प्राइवेट मंहगे हॉस्पिटलों 12000 से लेकर 18000 तक फ़ीस लेते थे । यहाँ सस्ते दामो में लोगों को ये सुविधा मिलने लगी तो फिर प्राइवेट मेडिकल माफिया सक्रीय हुआ और डॉ गुप्ता को मंडी ट्रांसफर कर दिया। हालाँकि IGMC शिमला में दो डॉ व् MD कर रहे सभी छात्र डॉ 24 घण्टे डायलिसिस की सुविधा देते है परंतु डॉ पंकज गुप्ता को ही ट्रांसफर करना गले से नहीं उतरता।
इस इलावा और भी सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के ऊपर मेडिकल माफिया की गाज गिर चुकी है।
बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सरकार में जिला काँगड़ा के 3 वरिष्ट मंत्री हैं लेकिन उनमे से एक मंत्री का अपना नामी महंगा हॉस्पिटल फोर्टिज है उसमें IRDP या BPL का स्मार्ट कार्ड नहीं चलता केवल पैसा चलता है। ओम प्रकाश नामक ब्यक्ति को छाती में दर्द हुआ घरबाले उसे फोर्टिज में ले गए तत्काल एंजियोग्राफी कर दी गयी और इक्को कर कहा गया कि 90℅ ब्लॉकेज बतायी गयी और स्टंट डालने के लिए 2 लाख रुपये तुरंत जमा करवाने को कहा उनके पास इतनी रकम न थी उन्होंने एक हफ्ते के बाद आने का कह कर टांडा में आ गए जहां पर् C D देखने और दोवारा इक्को करने पर् पत्ता चला की 40℅ब्लॉकेज है और अब बो मरीज दवाइयों से ठीक है इसके इलावा और बहुत सारे सबूत और मरीज है यदि टांडा में सस्ती सुबिधायें और अच्छे डॉ होंगे तो इनके महंगे हॉस्पिटलों में कौन जायेगा इस लिए न 9मन तेल होगा न राधा नाचेगी गरीब को हर हाल में मौत ही नसीब होगी या बिना इलाज के या बिना पैसों के
पिछला पोस्ट :मेडिकल माफिया से जंग लड़ता,गरीब मरीजों का सहारा,टांडा मेडिकल कॉलेज
अरुण कुका मेहरा की फेसबुक पोस्ट :
हम यहाँ पर अपने पाठको से यह जरुर कहेंगे की टांडा मेडिकल कॉलेज हिमाचल के लोगो के लिए एक वरदान है इसमें कोई शक नही है,इसमें हजारो कमियाँ हो सकती है , हो सकता है बहुत से मरीज यहाँ से चंडीगढ़ या कही और भेजे जाते हो या फिर ठीक न हो पाते हो ,लेकिन यह बात भी सच है की हजारो लोग यहाँ से स्वास्थ्य लाभ ले कर जाते है | सिस्टम को कोसना मात्र ही समाधान नही है ,सोशल मीडिया की आज काफी अच्छी पहुँच है और यहाँ से उठाये मुद्दे सरकार तक पहुचने के हम रोज उदाहरण देखते है
आप लोगो से यह अपील है की कमेंट में गाली गलोच न करे ,आपको इस हॉस्पिटल के साथ कोई अच्छा या बुरा अनुभब रहा हो तो कमेंट में लिखे ,सिर्फ बेकार हॉस्पिटल है एक दम थर्ड क्लास लिखना किसी समस्या का हल नही है ,बेकार है तो पूरा लिखे की आपका क्या अनुभब रहा इसमें और अगर अच्छा है तो क्या और सुधार किया जा सकता है
अगला लेख हम उन लोगो के कमेंट्स से लिखेंगे जिन्होंने तर्कपूर्ण बात लिखी हुई होगी,आप के पास इस से जुडी और कोई जानकारी है तो आप हमे beingpahadi@himachalirishta.com पर ईमेल कर सकते है
Tags : Tanda Medical College Kangra,RPGMC Tanda
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