Spread the love

अगर कुछ माह बाद आपकी भी शादी होने वाली है। पर, आपको डर है उस बात का, जो आपके दोस्त झेल रहे हैं। वो अपनी आधी ऊर्जा माता-पिता और अपने जीवनसाथी के बीच मतभेद निपटाने में ही लगा देते हैं। पर, आप इस स्थिति से नहीं गुजरना चाहती हैं। अगर शादी के बाद सिर्फ खुश रहने की तमन्ना है, तो कुछ मानसिक तैयारियां कर लीजिए। ऐसी तैयारी, जो आपको शादी के बाद माता-पिता और पार्टनर के बीच फंसने की बजाय, उनके साथ खुशी-खुशी रहने की गारंटी देगी।

ससुराल में खासकर नई बहू के लिए सास- ससुर के साथ निभाना मुश्किल हो सकता है, विशेष कर इसलिए क्योंकि उनका आपके पति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

अपनी इच्छाओं और जरूरतों को दूसरों की इच्छाओं और जरूरतों के साथ संतुलित करना आसान नहीं होता। इन सबके बीच आपको सावधान रहकर परिवार में एकता बनाए रखना होता है।

हर समस्या आप नहीं सुलझा सकतीं
ना हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है और ना ही यह आपके हाथों में है। माता-पिता और अपने पाटर्नर के बीच के बिगड़ते मसले को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका है कि दोनों पक्षों को साथ में बैठा कर बात की जाए। इस दौरान ये बताना भी जरूरी है कि आपकी इच्छा क्या है। आपके हिसाब से इस परेशानी का हल क्या है। इसके साथ ही ये भी बताइए कि मतभेदों का हल निकल आए, इसमें ही आपकी खुशी है। एक-दूसरे को समझने की कोशिश कीजिए। जिंदगी का बेशकीमती समय झगड़ने में बर्बाद करने से अच्छा है कि साथ में खुश रहा जाए।

हर काम में लगता है थोड़ा समय
माता-पिता और अपने साथी के बीच के मतभेद को दूर करने की कोशिशों के दौरान आपको ये समझना होगा कि हर काम में थोड़ा समय लगता है। जो मुद्दा जितना गंभीर होगा, उसे सुलझाने में उतना ज्यादा वक्त लगेगा, इसलिए दोनों पक्षों को उनके हिसाब से समय लेने दीजिए। हो सकता है कि यह समय आपके सोचे समय से थोड़ा ज्यादा हो, पर यकीन मानिए, जितना समय लगना है, उतना लगेगा ही और फिर मामला हल हो ही जाएगा। मतलब, समय लगेगा पर आपको आखिर में सुकून जरूर मिलेगा। थोड़ा धैर्य रखिए और दोनों पक्षों से हल्की-फुल्की बातें करते रहें। पर, उन लोगों पर जबर्दस्ती बातें करने और साथ बैठने के लिए दबाव बिल्कुल ना बनाएं। और हां, इन दो पक्षों के बीच बिगड़ते रिश्ते के कारण खुद पर भी मानसिक दबाव नहीं बनाएं।

आप ही हैं खुशियों की कड़ी
आप अपने जीवनसाथी और माता-पिता के बीच की एकमात्र कड़ी हैं। आप दोनों के बीच खुशियों का संचार बहुत आसानी से कर सकती हैं। इसकी कोशिशें आपको लगातार करनी पड़ेंगी, ताकि दोनों के बीच भले ही मतभेद हों, पर दोस्ती के फूल जरूर खिलते रहें। इसके लिए जब भी पूरा परिवार साथ हो, आपको ऐसी बातें करनी होंगी, जिससे सब थोड़ा ही सही पर खिलखिलाएं जरूर। हर छोटे-बड़े मौके पर पूरे परिवार को इकट्ठा करने का अवसर न छोड़ें। कुछ नहीं तो डिनर ही बाहर से ले आएं और इस दौरान अंत्याक्षरी जैसे छोटे-मोटे खेल भी जरूर खेलें। ऐसे मौके पर पूरे परिवार के लिए अपना प्यार भी जरूर जाहिर करें।

लड़ाई अधिकार की है, पर धैर्य देगा साथ
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आराधना गुप्ता कहती हैं, ‘माता-पिता और पार्टनर के बीच की लड़ाई सिर्फ अधिकार की है। बच्चे पर अपने अधिकार में किसी और का भी हिस्सा है, ये बात स्वीकार कर पाना सबके लिए आसान नहीं होता है। इस स्थिति से उबरने के लिए घर के सभी सदस्यों को धैर्य रखने की जरूरत है। इसके लिए साथ में समय बिताना बेहद जरूरी होगा। शादी में ऐसी दिक्कतों की एक वजह वो कोशिश भी होती हैं, जो दूसरों को खुश करने के लिए की जाती है। कुछ समय बाद दूसरों को खुश करने के लिए किया जाने वाला यही काम भारी लगने लगता है। मन शांत रखें और समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखें।’

दोनों से हो बराबरी की बात
पिछले कुछ दिनों से आप देख रही हैं कि माता-पिता और जीवनसाथी के बीच अनकहे से मतभेद हैं। ऐसे में आप क्या करेंगी? आपका मकसद दिलों के इस तकरार को खत्म करना ही होगा। पर, इसके लिए करना क्या होगा? सबसे पहले तो जरूरी है कि आप खुद को कसूरवार ना मानें और दोनों ही पक्षों से  लगातार बात करें। साथ में ध्यान रखें कि एक पक्ष के बारे में किसी भी तरह की नकारात्मक बात दूसरे पक्ष को ना बताएं। माता-पिता और पार्टनर एक-दूसरे की इज्जत करते रहें, इसके लिए आपका ऐसा करना जरूरी होगा।

क्या आप हिमाचली है और अपने या किसी रिश्तेदार के लिए अच्छा रिश्ता ढूंड रहे है ?आज ही गूगल प्ले स्टोर से हिमाचली रिश्ता की एप डाउनलोड करे और चुने हजारो हिमाचली प्रोफाइल में उचित जीवनसाथी हिमाचली रिश्ता डॉट कॉम पर 

Himachal Matrimonial Service Himachali rishta

Facebook Comments

Leave a Reply