कल 17 मार्च है और बिलासपुर जिला में कल से राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेला शूरू होने जा रहा है। यह मेला हर साल चैत्र मास के 4 प्रविष्टे यानि 17 मार्च से 7 दिन तक गोविंदसागर झील के किनारे शहर के उत्तर-पश्चिमी ओर स्थित लूहणु मैदान में होता है।
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यह मेला पहले बिलासपुर के ऐतिहासिक सांडु मैदान में लगता था लेकिन भाखड़ा बांध बनने के बाद यह मैदान गोविंदसागर झील में जलमग्न हो गया। इस मेले की शुरुआत राजा अमरचन्द के समय शिमला हिल स्टेटस के सुपरिटेण्डैंट डबल्यू गोल्डस्टीन ने 1889 ई. में की थी। शुरू में यह मेला सिर्फ पशु मेले के तौर में मनाया जाता था जिसमें मैदानी क्षेत्रों से लोग अच्छी नस्ल के पशु लाकर स्थानीय लोगों को बेचते थे और कमजोर पशु ले जाते थे क्योंकि पशुओं का कृषि में विशेष महत्व है।
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अब भी मेले में पशुओं का व्यापार होता है लेकिन समय के साथ यह मेला सांस्कृतिक मेले के रूप में बदल गया। इस मेले में बिलासपुर के साथ आस पास के जिलों के लोग भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
![nalwari mela](https://beingpahadi.com/wp-content/uploads/2017/03/nalwari-mea.jpg)
![chhinj in nalwari fair](https://beingpahadi.com/wp-content/uploads/2017/03/nalwari-mela.jpg)
मेले में स्त्रियाँ और बच्चे ज्यादातर हिंडोले में झूलना पसंद करते हैं। इस मेले का मुख्य आकर्षण नलवाड़ी की छिंज यानि कुश्ती है जो कि अंतिम तीन दिन चलती है। छिंज में उत्तर भारत के मुख्य पहलवान हिस्सा लेते हैं और अंतिम छिंज या जिसको माल्ली भी कहते हैं, जीतने वाले को “चांदी का गुर्ज” भेंट दिया जाता है जो कि हनुमान जी की गदा का सूचक है। यह मेला राज्यस्तरीय घोषित किया गया है। इसके अलावा नलवाड़ी मेले का आयोजन सुंदरनगर, नालागढ, भंगरोटु, जाहू और गसोता में भी किया जाता है।
इसके नलवाड़ी मेले में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शिनियां भी प्रदर्शित की जाती है। शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी होता है जिसमें स्थानीय, हिमाचली और बाहर से भी कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है।राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले में इस बार सांस्कृतिक संध्याओं में हिमाचली कलाकारों को विशेष अधिमान दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने फेसबुक के माध्यम से जनता से राय मांगी थी l
![old picture of nalwari fair](https://beingpahadi.com/wp-content/uploads/2017/03/OLD-BILASPUR-NALWARI-FAIR.jpg)
शोभा यात्रा में इस बार बिलासपुर के रंगमंच की झलक देखने को मिलेगी। मेले को भव्य व प्रभावी स्वरूप प्रदान करने के मकसद से इस बार प्रशासन द्वारा कई अहम फैसले लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मेले में इस बार स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा और इसके लिए दुकानदारों के हेल्थ टेस्ट करने के साथ ही प्रत्येक दुकानदारों को दुकानों के बाहर कूड़ादान रखने होंगे। इसके साथ ही बाहर से आने वाले दुकानदारों, खिलाडिय़ों, पहलवानों व पशुधन लेकर आने वाले पशुपालकों तथा स्थानीय लोगों को मेले के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए व्यापक कदम उठाए जाएंगे।मेले का शुभारम्भ वन मन्त्री हिमाचल प्रदेश ठाकुर सिंह भरमौरी करेंगे जबकि मेले का समापन मुख्यमन्त्री हिमाचल प्रदेश वीरभद्र सिंह करेंगे ।
यह लेख प्रियंका शर्मा , बिलासपुर हिमाचल प्रदेश लिखा है लेखिका स्पीक आउट हिमाचल और हिमाचली रिश्ता कि पेज एडमिन होने के साथ साथ दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है l हिमाचल कि संस्कृति कि और इनका विशेष झुकाब रहा है
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