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मेट्रो का सच्चा प्यार – भाग 2 ( Metro ka Sachha Pyar – Bhag -2 )

वो Eclator से जा रही थी , और में सीढियों पर, बहुत से लोगो को पता होगा की फरीदबाद वाली कुछ मेट्रो बदरपुर तक चलती है कुछ एस्कॉर्ट मुनेसर तक, सुबह के लगभग नो बजे के आसपास का टाइम | अचानक की ध्यान गया यह तो वही लड़की है जो लंच टाइम में ऑफिस के बाहर एक दो वार देखि है मेने | जो बीस रूपये को बनाना शेक पिया था , उसके पैसे बसूलने का समय आ गया था , तुरंत सीढियों पर दोड लगाई और जब में XRay वाली मशीन के पास उसके साथ पहुंचा , उस समय एक दम मिल्खा सिंह वाली फीलिंग आई |उसके कंधे पर जब सेम टू सेम अपने बैग की तरह HP का लैपटॉप बैग देखा तो धयान आया चोधरी साब येही मोका है मार लो चोका , उसने बैग मशीन में डाला और उसके ऊपर मेने अपना , वो लेडीज साइड चेकिंग करवाने चली गयी और में gents, बैग निकलती बार मेने पहले ही सोच रखा था की में उसका बैग

उठायुन्गा और बात करने का बहाना मिल जायेगा और हुआ भी यु ही , लेकिन अभी में उठा ही रहा था की ..एक्सुज मी.. यह वाला मेरा बैग है … ओह आयी ऍम सो सॉरी मेने अनजान बनने वाला चेहरा बना कर कहा | No Issue Actually both seems like same. यह शब्द जब उसने कहे तो मेने उसको पूरा धयान से देखा … ओ हो हो .. सूट में लड़की वो भी डेल्ही में .. Self अटेंशन गेन कर लेती है , वो मेरे साथ ऊपर प्लेट फॉर्म तक बिना कुछ बोले गयी .. चलते चलते मेने अपनी hight से उसका अंदाजा लगाया 5’10” तो पका थी क्युकी में 6 हु और लगबघ बराबर थी … पतली सी हड्डी मेरी तरह सुखी हुई … सीधे बाल … लाल सूट … लाल सैंडल और लिपस्टिक भी इतनी लाल की ऐसे लग रहा था की अभी ताजा ताजा खुन पी कर आई हो .. खैर मेरा लैपटॉप बैग एक्सचेंज करने का आईडिया पूरी तरह सफल नही हुआ पर असफल भी नही कह सकते .. नॉर्मली मुझे सिर्फ 6 स्टेशन तक जाना होता है तो में भीड़ की प्रवाह नही करता हु और खड़ा हो कर भी चला जाता हु |
फरीदाबाद की तरफ से एक मेट्रो आई .. मेरी नजरे अब भी उस पतली लड़की पर ही टिक्की थी , पूरी आलुयो की बोरी की तरह पैक मेट्रो .. मेने देखा वो उसमे नही बैठी … तो चौधरी साब कहा कम थे … हम ने भी दी दी कुर्वानी अगली 3 मिनट के लिए क्यों की डिस्प्ले बोर्ड पर शो हो रहा था अगली गाडी बदरपुर तक आएगी वो भी 6 डिब्बो वाली … यानी सीट की लगबघ गारंटी |
लेकिन 3 मिनट में तो ऐसा लगा मानो आधी दिल्ली आ गयी हो प्लातेफ़ोर्म पर … खर हम दोनों लाइन में थे एक तरफ में दूसरी तरफ वो … जैसे ही गाडी रुकी उसने महिला कोटे का फायदा उठाते हुए तुरंत लेडिज सीट ( जो दो होती है ) उसके बगल की एक सीट पर कब्ज़ा कर लिया और दूसरी पर बैग रख दिया … जब तक में इधर उधर देखता सारी सीट बुक हो चुकी थी … खेर सीट की तो मुझे पहले ही उम्मीद नही थी ..

सर आईये आपके लिए सीट रखी है … मेने इधर उधर देखा फिर उसे .. उसने हां में गर्दन हिलाई .. मेने notice आई मीन ‪#‎observe‬ किया की जैसे ही उसकी हां में गर्दन हिल रही थी उसके कानो के बड़े बड़े झुमके और खुले सीधे बाल एक ताल में हिल रहे थे …. बस यु समझो उस वक्त उसकी उस अदा ने मेरा कत्ल कर दिया

बैठिये न उसने अपना बैग उठाते हुए कहा .. में भी बैठ गया .. मन में लड्डू तो फुट ही चुका था , क्युकी सर बोला था … भैया भी तो बोल सकती थी ? यानि की मुझे सफल गठबंधन वाली सरकार के लक्षण साफ़ नजर आने लगे थे .. फिर भी मेरा उदेश्य पूर्ण बहुमत था |
आपका ऑफिस भी फेज –III में है न ? उसने पूछा , जी मेने कहा |
हां हमने आपको देखा है लंच टाइम में जब आप जाते हो ..ओके मेने कहा और फिर से अनजान बनते हुए कहा हां सायद मेने भी आपको देखा है , पर ठीक से याद नही आ रहा |
वो वोली है हमने याद है आप बहूत पतले और tall हो तो अलग दीखते हो अपने colleague से इसलिए ध्यान में रह गया (मैंने मन ही मन में कहा हड्डी रानी तू भी तो सुखी है है ,साफ़ क्यों नही कहती की एक दम छिलका लगता हु )
उसी वक्त उसका मोबाइल बजा … उस बक्त मुझे धीरू भाई अम्बानी पर गुसा आया की क्या जरूरत थी इस बला को भारत लाने की वो भी हर घर घर |
मुझे उसके नंबर स्क्रीन देखने का मोका नही मिला ,खेर बातो से पता चला अपनी माँ से बात कर रही थी , और हम ठहरे ‪#‎उलटीखोपड़ी‬ उसकी बातो से यह भी आयडिया लगा लिया यह इलाहबाद या कानपुर की ही है  , क्युकी माँ को तुम और खुद को हमहम आ रहे है कल reservation कन्फर्म हो गया है | 60-70 बार उसने हम शब्द बोला … (अकेले ही हम … साला हमारे यहाँ तो 60-70 लोग हो तब हम बोलते है )
जैसे ही उसने फ़ोन काटा मुझे डिस्प्ले स्क्रीन पर दिख चुका तह mMMA लिखा हुआ , ममा लिखने में भी स्टाइल मेट्रो गेट से आउट होते वक्त लाइन में वो मुझसे आगे थी , उसकी height फिर से मुझसे पूरी मैच कर रही थी , एक बार उसने पलट कर स्माइल भी दी ,हम दोनों साथ ही सीडिया उतर रहे थे तब तक में कल्पनाओ के सागर में डूबा था ..की मानो मेरी मम्मी पापा को इलाहावाद जाना होगा तो कैसे जायेंगे ?
एक आप्शन थी .. नगरोटा से पठानकोट बस लो और पठानकोट से सीधा इलाहबाद ट्रेन .. अगला प्रोजेक्ट IRCTC की वेबसाइट पर इस रूट की ट्रेन देखना था
दूसरी आप्शन यह थी की नगरोटा से सीधे दिल्ली बसे दुनिया भर की है रात को , सुबह दिल्ली.. दिन में हमारे साही एक कमरे किचन वाले फार्म हाउस में आराम और शाम को गोमती या अल्कंदा से सीधे इलाहाबाद | यह सब गणनाए में कर ही रहा था तब तक हम निचे पहुँच चुके थे .. हमारा ऑफिस मेट्रो से 1 आध किलोमीटर है और ऑटो से ही जाना होता है ज्यादातर जल्द्वाजी में ..लेकिन उसने कहा में हमेशा पैदल जाती हु ताकि हेल्थ फिट रहे ..otherवाइज You Know delhi में तो टाइम ही नही मिलता (मेंने मन ही मन में कहा और कितना फिट होगी .. वैसे ही 40 किल्लो है अब 15 किल्लो होना चाहती है क्या ) खैर मेने भी कह दिया हां है जरूर |
अभी तक हम दोनों ने एक दुसरे के नाम तक नही पूछे थे| मेने बात शुरू की क्या आप कहा से हो ( हालाकि मुझे अपनी परचंड#ऑब्जरवेशन से ज्ञात हो चुका था ) अभी हम मुशकिल से 50 कदम ही चले होंगे की अचानक एक Hero Honda Splender 125 CC वाली रुकी , वही 70 KMPL वाली … हेलमेट पहने हु मुह में रुमाल ऐसे बाँधा मानो डेल्ही की धुल में गलती से लन्दन return फस गया हो … बठीये मैडम ..
उसने लड़की ने प्रशनवाचक नजरो से मेरी तरफ देखा …मेने में सिर हिल्ला कर जा सिमरन जी ले अपनी जिन्दगो वाली फील लेकर मुंडी हिल्ला दी … वो भी फट से फट गयी स्प्लेंडर पर .. थोड़ी ही देर में वो मेरी आँखों से ओझल हो गये
माहो में भी लायी खिट पुठया पैरा और लिया ऑटो … माहो मुझे नही होना और जयादा फिट ..वैसे ही लेट हो गया हु ऑफिस के लिए
कहानी समाप्त हो गयी है .. आप तालिया बजा सकते है और सांत्वना के तोर पर कमेंट कर सकते है शेयर कर सकते और लाइक तो कर ही सकते है धन्यबाद #उलटीखोपड़ी
नोट : यह कहानी ‪#‎कुख्यात‬ ‪#‎writer‬ #उलटीखोपड़ी के द्वारा रचित काव्या गरंथ मेट्रो में ‪#‎मेरा_पहला_सॉरी_दूसरा_सच्चा_प्यार‬ से ली गयी है | लेखक कल्पनाऔ के उडान भरने में डिग्री रखते है साथ में ही अर्जुन और अभिमन्यु मेट्रो की भीड़ का वो चक्रव्यू न तोड़ पाये उसको भेदने की क्षमता रखते है | जल्द ही यह मेट्रो कहानी की नई विडियो फिल्म निकलने वाले है जिसकी शूटिंग के लिए इन्होने नगरोटा में जमीन भी देख ली है और ऑस्ट्रेलिया से 2 मेट्रो भी मंगवा ली है … साथ ही इस खर्चे के लिए इन्होने काँगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में लोन भी अप्लाई किया है |
‪#‎हरीॐ‬ स्पष्ट बहुमत नही मिला तो क्या हुआ गठबंधन के चांस अभी भी है |

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