बीइंग पहाड़ी की हिमाचल गौरब श्रृंखला में आज हम आपको मिला रहै है हिमाचल की एक बेटी वसुधा ठाकुर से जो की पेशे से तो सॉफ्टवेयर इंजिनियर है लेकिन दिल से कलाकार
( By :Savin Bhatia,Hamirpur )
जन्म और शिक्षा :
वसुधा ठाकुर का जन्म हमीरपुर जिला में 27 जून 1993 को हुआ l इन्होने संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बीटेक की डिग्री प्राप्त की और अभी भारत की उच्च सॉफ्टवेयर कंपनी TCS में बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर काम कर रही है । इनके एक भाई भी है जो सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा हैं।
संगीत कि दुनिया में शुरुआत :
वसुधा को संगीत का शौक़ बचपन से ह था | बचपन में टेपरिकॉर्डर में अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करके अपना शौक़ पूरा करती थी | दोस्तों को अपना गाना सुनाने की हिम्मत कभी नहीं हुई | एक दिन युही दिमाग में ख्याल आया और अपना फेसबुक पेज बना कर अपनी एक वीडियो अपलोड कर दी | दोस्तों ने साथ दिए और कुछ ही घंटो में वीडियो पे 2000 व्यूज हो गए , जिसने वसुधा को काफी होंसला दिए |
वसुधा ठाकुर काफेसबुक पेज लाइक करे
https://www.facebook.com/vasudhablossom
एक उम्मीद जाग चुकी थी की उनके दोस्तों ने उनकी आवाज़ पसंद की और उनको और वीडियोस अपलोड करने का प्रोत्साहन दिए | आज वसुधा के फेस बुक पेज पर 10000 से ज़ादा व्यूज है | यह सोशल मीडिया की दुनिआ में बहुत ज़ादा व्यूज नहीं है लेकिन यह उस लड़की के लिए, जो अपनी आवाज़ लोगों को सुनाने से डरती थी , बहुत है | जहा हम अपनी रोज़ मर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त हो जाते है वही वसुधा अपने काम से साथ साथ अपने शौक़ के लिए शामे को ऑफिस के बाद या फिर छूटी के दिन समय निकलती है |
अभी वसुधा भारतीय शास्त्री संगीत सीख रही है और संगीत जगत में अपनी पहचान बनाना चाहती है |
वसुधा ठाकुर का यु ट्यूब चैनेल :
https://www.youtube.com/c/VasudhaThakurBlossom
एक उदाहरण :यह उन बच्चों और उनके माँ बाप के लिए उदाहरण है जो अपने बचो को उनके शौक़ के बारे में ना सोच कर सिर्फ उनकी पढाई के बारे में सोचते है |वसुधा बीइंग पहाड़ी के माधयम से उन सब लड़किओं को यह सन्देश देना चाहती है की पढ़ाई भी ज़रूरी है लेकिन पढाई के साथ साथ अपने मन की ख़ुशी के लिए, अपने शौक़ के लिए भी समय निकालना चाहिए और माँ बाप को भी बच्चों को सहयोग देना चाहिए |
अंत में वसुधा ठाकुर कहती है कि मुझे गर्व है कि में हिमाचल कि बेटी हु और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों का शुक्रिया करती है उन्हें सपोर्ट करने के लिए , युवाओ को यह सन्देश है कि संगीत तो संगीत है चाहे पंजाबी हो हिंदी या हिमाचली इसके हर पहलु का आनंद लेना चाहिए लेकिन अपनी हिमाचली संस्कृति को नही भूलना चाहिए ,इस समय हमारी हिमाचली लोक संस्कृति और लोकगीत बहुत अच्छी स्थिति में नही है और नये नये गायकों ,कलाकारों आदि को आगे आना होगा ,सरकार को भी इसमें विशेष प्रयास करने होगे | लकड़ियाँ भी आज किसी भी क्षेत्र में कम नही है और वो सब भी सब कुछ कर सकती है जो एक लड़का कर सकता है –बेटी पढाओ बेटी बचाओ
Tags : Vasudha Thakur Hamirpur
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