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बाबा कांशीराम स्वतंत्रता सेनानी तथा क्रांतिकारी साहित्यकार थे, उन्हें ‘पहाड़ी गांधी’ के नाम से जाना जाता है.बाबा कांशी राम का जन्म 11 जुलाई 1882 को डाडासीबा के गुरनबाड़ को हुआ था। उनके पिता का नाम लखनु राम और माता का नाम रेवती देवी था। उनके पिता लखनु राम का देहांत 1893 में ही हो गया था।


जलियांवाला बाग हत्याकांड के उपरांत उन्होंने महात्मा गांधी के संदेश को कविताओं व गीतों के माध्यम से पहाड़ी भाषा में प्रसारित किया. उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक भारत वर्ष आजाद नहीं हो जाता, तब तक वह काले कपड़े ही धारण करेंगे. यही वजह है कि हिमाचल में उन्हें पहाड़ी गांधी के नाम से जाना जाता है, पहाड़ी कविताओं और छंदों के माध्यम से ब्रिटिश राज के खिलाफ देशभक्ति का संदेश फैलाने के लिए उन्हें 11 बार गिरफ्तार किया गया. उन्होंने अपने जीवन के लगभग 9 वर्ष विभिन्न जेलों में बिताए |
वर्ष 1937 में गद्दीवाला (होशियारपुर) में सम्पन्न हुए सम्मेलन में नेहरू जी ने इनकी रचनाएं सुनकर और स्वतन्त्रता के प्रति इनका समर्पण देखकर इन्हें ‘पहाड़ी गान्धी’ कहकर सम्बोधित किया. उसके बाद से इसी नाम से प्रसिद्ध हो गये. जीवन में अनेक विषमताओं से जूझते हुए बाबा कांशीराम ने अपने देश, धर्म और समाज पर अपनी चुटीली रचनाओं द्वारा गहन टिप्पणियां कीं. इनमें कुणाले री कहाणी, बाबा बालकनाथ कनै फरियाद ,पहाड़ेया कन्नै चुगहालियां आदि प्रमुख हैं  पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी वर्ष 1984 में बाबा कांशी राम के नाम पर डाक टिकट जारी किया था

Postal Ticket of Baba Kanshi Ram

 बाबाजी की कुछ कविताये

भारत मां जो आजाद कराणे तायीं

मावां दे पुत्र चढ़े फांसियां

हंसदे-हंसदे आजादी दे नारे लाई..

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मैं कुण, कुण घराना मेरा, सारा हिन्दुस्तान ए मेरा

भारत मां है मेरी माता, ओ जंजीरां जकड़ी ए.

ओ अंग्रेजां पकड़ी ए, उस नू आजाद कराणा ए..

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काशीराम जिन्द जवाणी, जिन्दबाज नी लाणी

इक्को बार जमणा, देश बड़ा है कौम बड़ी है.

जिन्द अमानत उस देस दी

कुलजा मत्था टेकी कने, इंकलाब बुलाणा..

अभी कुछ दिन पहले ही फोकस हिमाचल साप्ताहिक पत्रिका में पहाड़ी गाँधी के पैत्रिक घर को राष्ट्रीय सम्पदा का दर्जा दिलवाने के लिए लेख लिखा था और उनके प्रयासों के कारण

 बाबाजी  की 135 वीं जयन्ती से पूर्व (कल )मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की घोषणा की बाबा कांसी राम का पैतृक घर बनेगा राष्ट्रीय धरोहर इस अवसर पर उनके घर का अधिग्रहण करने के बाद उनकी स्मृति में स्मारक बनाया जाएगा.

Source :Various Internet

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