कोरोना का डर ना लोगों में पहले था ना अब हैं क्योंकि लोगों में कोरोना का थोड़ा सा भी डर होता तो इतनें कोरोना के मामले देखने को नहीं मिलतें।
ज्यादातर लोगों को तो केवल सरकारी डंडे का ही डर था। जिसकी वजह से वे अपने घरों में ही दुबक के रह रहे थे। अब तो उनका वो डर भी सरकार ने समाप्त कर दिया है।
क्या कोरोना से लोगों को डरने की आवश्यकता पहले थीं या अब भी है?
तो इसका सरल सा जबाब है कि समझदार लोगों को ना पहले डरने की आवश्यकता थीं ना ही अब हैं क्योंकि डर से कभी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है बल्कि डर से समस्या ओर बदतर हो जाती हैं जैसा हमें कोरोना के बढ़ते हुए मामलों से दिखाई दे रहा है। डरने की वजाय सावधानी से नियमों का पालन करें।
तो क्या कोरोना के संक्रमण का खतरा टल गया है अब या कम हो गया है?
तो इसका सरल सा जबाब है कि नहीं, बल्कि अब तो संक्रमण का खतरा पहले से भी कहीं अधिक बढ़ गया है ओर लोगों को अधिक से अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता हैं क्योंकि अब कोरोना का वायरस देश के गांवो ओर कस्बों तक पहुंच गया है।
कोरोना से डरने से नहीं बल्कि सावधानी बरतने से ही बचा जा सकता है ओर जो सावधानी नहीं बरत रहा है वो ही कोरोना का शिकार भी हो रहा है।
तो कृपया सावधानी बरतने का लोगों को संदेश दे ना कि डरने का।
Leave a Reply