गृहप्रवेश
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हमारी भारतीय संस्कृति मे हर धर्म का एक अलग ही महत्व होता है और उस धर्म को लेकर कई तरह के रिति-रिवाजों का भी पालन करना भी जरुरी है। ऐसा ही कुछ हिंदु धर्म शादी के बाद होनी वाली दुल्हन के गृह प्रवेश को लेकर चावल को कलश से ठोकर मारने की रस्म से जुड़ा है। जिसे करना हमारे हिंदु धर्म मे बेहद ही आवश्यक है। जब नई दुल्हन घर आती है तो वह चावल भरे कलश को ठोकर मारती है। कभी सोचा है कि वह ऐसा क्‍यों करती हैं। शायद आपको पता ना हो।

तो चलिए जानते है दुल्हन को चावल से ठोकर मारने के इस रहस्य के बारे में.

 

हिंदू समाज में जब नई नवेली दुल्हन शादी करके गृह प्रवेश के लिए आती है तो विशेष तैयारियां की जाती है। उसके आने से पहले ही घर के मुख्‍यद्वार पर एक कलश रखा जाता है। बहुत से घरों में उसमें आम के पत्‍ते भी रखे होते हैं और उसमें चावल भरे होते हैं।

इस दौरान मुख्‍यद्वार पर घरवालों से लेकर रिश्‍तेदारों की निगाहें उस कलश पर होती है। ऐसे में जब वधू द्वार पर आती है तो सबसे पहले उसका उसका स्‍वागत किया जाता है। उसके बाद उसे घर के अंदर चलने का इशारा किया जाता है। और फिर शुरु की जाती है चावल के कलश को ठोकर मारने की यें रस्म की जाती है।

दरअसल इस रस्म को करने का यह रहस्य होता है कि हिन्दू-धर्म में बहू को घर की लक्ष्मी माना जाता है। वहीं कलश का प्रयोग सभी कर्मकांडों में किया जाता है। इसके बिना कोई बड़ी पूजा पाठ पूरी नहीं किया जाता । इसलिए गृह प्रवेश करते समय बहू कलश में अंदर की ओर ठोकर मारकर करती है ताकि घर मे धन, संपत्ति, सुख और समृद्धि को अपने साथ लाएं हिंदु धर्म मे यह परम्परा एक विशेष महत्व रखती है।

 

 

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