Tags Himachali poem

Tag: himachali poem

हिमाचली कविता-सड़कां

सड़कां हुण वणियां, पहलें रस्ते चलदे थे दिन रात। निड़र होई जांदे थे, सियाला हो चाहे वरसात।। हंड़दे थे लमियां वतां, चढदे उतरदे थे कुआलू। ज़ालू थकी...

You May Also Like

अमरनाथ से भी कठिन है ये श्रीखंड महादेव की यह यात्रा

वैसे तो कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन यात्रा धार्मिक मानी जाती है। अगर उसके बाद किसी का नंबर आता है तो वो है...