भारत में AEFI की राष्ट्रीय समिति कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने वाले 700 ऐसे लोगों की जांच कर रही है, जिन्हें वैक्सीन की डोज लेने के बाद कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
भारत में AEFI की राष्ट्रीय समिति कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले 700 ऐसे लोगों की जांच कर रही है, जिन्हें वैक्सीन की डोज लेने के बाद कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस जांच में सामने आने वाले तथ्य आगामी दिशा-निर्देशों की नींव रखेंगे. ये एडवाइजरी इस हफ्ते जारी की जा सकती है. AEFI की राष्ट्रीय समिति में चिकित्सक, शोधकर्ता और वैक्सीन विशेषज्ञ शामिल हैं.
कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के बाद लोगों से खून के थक्कों के जमा होने की शिकायतें कई देशों से मिल रही थीं, जिसके बाद कई देशों में बुजुर्गों के लिए एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल को सीमित कर दिया गया. हालांकि यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने कहा है कि खून के थक्कों की समस्या दुर्लभ है. वैक्सीन के लाभ इस परेशानी को दूर कर सकते हैं
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 36,659 स्वास्थ्यकर्मियों में कोविड-19 के संक्रमण दर का मूल्यांकन किया. उन्हें मॉडर्ना या फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन का कम से कम एक डोज 16 दिसंबर, 2020 से 9 फरवरी, 2021 के बीच लगाया गया था. इस पूरी अवधि में 28,184 (77 फीसद) स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन का दूसरा डोज इस्तेमाल किया. संयोग से उस वक्त सैन डिएगो और लॉस एंजिल्स में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे.
सैन डिएगो और लॉस एंजिल्स के कैंपस में चले टीकाकरण के 1 या कई दिनों बाद कोविड-19 की वैक्सीन का डोज ले चुके 36,659 स्वास्थ्यकर्मियों में से 379 (1.0 फीसद) कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए, 71 फीसद में पहले डोज के शुरुआती दूसरे सप्ताह के अंदर संक्रमण की पुष्टि हुई. कोविड-19 वैक्सीन की पूरी दोनों डोज लेनेवाले 28,184 स्वास्थ्यकर्मियों में मात्र 37 (0.1 फीसद) कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि उनमें से 22 स्वास्थ्यकर्मी 1-7 दिन कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए.
टीकाकरण के बाद संक्रमण का कम खतरा, लेकिन जीरो नहीं
8-14 दिनों के बाद आठ स्वास्थ्य कर्मियों में कोरोना संक्रमण का मामला उजागर हुआ और 7 स्वास्थ्यकर्मियों में इसी तरह की घटना कम से कम 15 दिनों बाद देखने को मिली. माना जाता है कि दोनों वैक्सीन के दो डोज से अत्यधिक इम्यून सुरक्षा हासिल हो जाती है. शोधकर्ताओं ने टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस से पॉजिटिव होने के पूर्ण खतरे का अनुमान लगाया. उन्होंने कहा कि सैन डिएगो के स्वास्थ्यकर्मियों को 1.19 फीसद खतरा था और लॉस एंजिल्स के स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना पॉजिटिव के खतरे का 0.97 फीसद खुलासा हुआ.
दोनों दर मॉडर्ना और फाइजर के मानव परीक्षण के दौरान पहचान में आए खतरे के मुकाबले ज्यादा थे, हालांकि दोनों कंपनियों का मानव परीक्षण स्वास्थ्यकर्मियों तक सीमित नहीं था. एक शोधकर्ता ने कहा, “इस ज्यादा खतरे की कई संभावित व्याख्या हैं.” कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी सैन डिएगो की प्रेस रिलीज में शोधकर्ता के हवाले से बताया गया, “हम संक्रमण की दर वास्तविक दुनिया के परिप्रेक्ष्य में बता पाने में सक्षम रहे, जहां संक्रमण के उछाल के साथ टीकाकरण जारी था. हमें पूरी तरह से डोज इस्तेमाल कर चुके स्वास्थ्य कर्मियों में कम समग्र सकारात्मकता दर दिखाई दिया, जिससे इन वैक्सीन से ऊंची सुरक्षा दर का समर्थन मिलता है.”
भारत में सोमवार को पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 1,68,912 नए मामले आए हैं वहीं पिछले 24 घंटों में 904 मौतें दर्ज की गई है इसके साथ ही मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 1,70,179 हो गई है. इस नए आंकड़े के साथ ही देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 1,35,27,717 हो गई है. वहीं इस समय 12,01,009 एक्टिव केसेज हैं, जबकि 1,21,56,529 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं.
रिपोर्ट की माने तो अबतक पूरे देश में 10,45,28,565 लोगों को कोविड -19 का टीका लगाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जिन राज्यों में संक्रमण के मामलों में ज्यादा उछाल देखने को मिल रहा है उनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, केरल, तेलंगाना, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं
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