सतीश मलाणच (बीइंग पहाड़ी,काँगड़ा )सातवां वेतन आयोग ने अपनी बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दी है। आयोग के अध्यक्ष एके माथुर ने अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए वेतन भत्तों आदि में बढ़ोतरी की सिफारिश की है
जानें वेतन आयोग की कुछ खास बातें
- पहले वेतन आयोग का गठन 1946 में हुआ था और तब कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 35 रुपये करने की सिफारिश की गई थी।
- इसके बाद दूसरी बार 1959 में यह 80 रुपये हो गया था। तीसरे वेतन आयोग ने 1973 में बेसिक सैलरी बढ़ाकर 260 रुपये की थी।
- चौथे वेतन आयोग ने 1986 में सैलरी 950 रुपये की थी जबकि 1994 में पांचवे वेतन आयोग की सिफारिश के बाद यह सीधे दोगुना होते हुए 3,050 रुपये हो गई थी।
- 2006 में कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़कर 7730 हुआ था।
- अब अगर सातवां वेतन आयोग लागू होता है तो यह बढ़कर 15 हजार रुपये हो जाएगा।
- 900 पन्नों की रिपोर्ट में ग्रुप ए में आने वाली सभी सेवाओं को समानता पर लाने की सिफारिश की गई है।
- माना जा रहा है कि बढ़ा हुआ वेतन कर्मचारियों को अप्रैल 2016 तक मिल सकता है।
- 70 साल में कर्मचारियों के मूल वेतन में 430 गुना इजाफा हो चुका है।
- वेतन आयोग ने इस बार 22-30 प्रतिशत वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
- आयोग की सिफारिश के अनुसार कर्मचारियों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत बढोतरी का प्रस्ताव है।
साभार : नई दुनिया
7th Pay Commission ,वेतन आयोग की कुछ खास बातें
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