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नुआले में आते है शिव : Chamba, Himachal Pradesh – सदियों पुराना इतिहास समेटे शिवभूमि चम्बा का भोले नाथ के साथ अनोखा साथ है। लगभग चम्बा के समस्त गांव में भोले के भगत नुआले का आयोजन करते है। कहा जाता है कि शिव सज-धज कर नुआले में आते है और चेले में शिव का संचार होने लगता है। इस अवसर पर कही-कही भेढु (भेड़) की बलि भी चढ़ायी जाती है। कुछ जगह तो भेड़-बकरे को उठा कर उसकी गर्दन से रक्त चूसते चेलों का नृत्य भी देखने को मिलता है परन्तु अब उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने जब से भेड़-बकरे की बलि पर बैन लगाया है उसके बाद अब हिमाचल प्रदेश में बलि नहीं दी जाती है।

Nuaala - Chamba, HImachal Pradesh 1
Nuaala – Chamba, HImachal Pradesh 1

इन विशेष अवसरों पर होता है नुआला।

—> नए गृह प्रवेश, विवाह, किसी धार्मिक आस्था व शुभः काम या किसी की सुख़ण (मन्नत) पूरी होने के दौरान किया जाता है आयोजन।

नुआले में इन नौ बन्दे (लोगों) का होना जरुरी।

—> घर का मुखिया यानि आयोजक, जोगी, जजमान, एक कोटवाल, बटवाल व चार एचली गायक होते है।

नुआले की शाम को जोगी अपनी पारपंरिक वेशभूषा में नुआले के आयोजक के घर पहुंचता है। और सबसे पहले जहा फूलमाला टाँगी जाती है उस जगह के नीचे गाय के गोबर का चोंका (पोछा) लगा कर पवित्र किया जाता है। फूलमाला को जोगी घर से तैयार कर के लाता है और उसके बाद जयकारा बोल के फूलमाला को छत के साथ टांगा जाता है। अब फूलमाला के नीचे मंडल लिखा जाता है (मक्की के आटे से चारो तरफ लाइने और स्टार जैसे बना के लिखा जाता है) फिर मक्की के दानों का ढेर लगा के मंडल भर दिया जाता है और उसके ऊपर बबरू, बड़े आदि रख के मंडल को सजाया जाता है व दिया जलाया जाता है । दीये को पूरी रात जलाया जाता है। दीया पूरी रात जलता रखने के लिए रात भर दीये में तेल जोगी को डालना पड़ता है।

Nuaala - Chamba, HImachal Pradesh 2
Nuaala – Chamba, HImachal Pradesh 2

अब आगे बन्दे (एचलि गायक) फूलमाला के पास ही एक तरफ एक लाइन में ढोल, नगाड़ा के साथ बैठ जाते है व उनके सर पर टोपी या कपड़ा रख उन्हें पूजा जाता है। अब एचलि गायक एचलिया गाना धीरे-धीरे शुरू करते है। एचलियों में शिव-विवाह, राम-विवाह आदि के प्रसंगो को बड़ी मस्ती से गाया जाता है और लोग भी बड़े चाव से सुनते है। कुछ समय के बाद चेला कमणे (काँपने) के लिए चोला ढोरा पहन के तैयार हो जाता है व माला के पास ही चेले के बैठने के लिए चादर रखी जाती है चेला वहां बैठ के आँखे बंद कर ध्यान लगाना शुरू करता है, नुआले के दिन चेले का व्रत होता है। एचलि चलती रहती है और अब एचलि गायक भी पुरे जोश के साथ गाते है और नगाड़े का ढ़माका पूरे गांव में गूँजता है। बीच-बीच में जयकारे बोले जाते है। पूरा परिवार धूप की बत्ती लिए व हाथ जोड़ वही चेले के पास मौजूद रहता है। थोडा समय बीतने के बाद चेले में शिव का संचार होने लगता है और चेला काँपने लगता है व पुछ देने लगता है पुछ देते वक्त एचलि चेले द्वारा रोक दी जाती है ताकि पुछ को सुना जा सके और पुछ देने के बाद चेले द्वारा ही एचलि चला दी जाती है। लगभग 20-25 मिनट के बाद अंत में चेला परिवार, जोगी, बन्दे (एचलि गायक) आदि को आशीर्वाद देकर सामन्य हो जाता है।

Nuaala - Chamba, HImachal Pradesh 3
Nuaala – Chamba, HImachal Pradesh 3

अब नुआले के अन्तः में सभी एचलि पर नाटी (नृत्य) करते है और एक दूसरे कि बेला बुलाते है चम्बा के लोगो को तो पता होगा कि बेला कैसे बुलाते है बाकी लोगो की जानकरी के किये बता दू की बेला बन्दे (एचलि गायक) को अपनी इच्छा अनुसार पैसे देकर बुलाई जाती है जिसकी बेला बुलानी हो उसका नाम एचलि गायक को बताते है फिर एचलि गायक उसका नाम लेकर गाते है कि उसने इसकी बेला बुलाई है इतने पैसे कि बेला और नृत्य करते है।
हिमाचल के अन्य जिलों के लोग का भी ये कहना है की एचलि के राग पर नाटी डालने का एक अलग ही अनुभव व आनंद प्राप्त होता है। एचलि पर लगभग 2-3 घंटे तक नृत्य होता है कई बार रात भर एचलि गायी जाती है अगर घर का मुखिया और अन्य लोग चाहे तो।

नुआले के तीन दिन बाद पूरे परिवार को बुला कर फूलमाला को लाल कपडे में बाँध कर व जयकारा बोल के वही छत से टाँग दिया जाता है उस फूलमाला को अगले नुआले तक नहीं निकाला जाता है।
*जय मणिमहेश*

अमित ठाकुर(चम्बा)

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